कांग्रेस में रहेंगे हुड्डा या पार्टी से अलग होकर लड़ेंगे चुनाव, आज दिल्ली में 33 सदस्यीय कमेटी लेगी फैसला
हुड्डा के बगावती तेवर के बाद भी अभी तक कांग्रेस पार्टी और शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. हुड्डा ने कई मसलों को लेकर अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. रैली के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस अपने रास्ते से भटक गयी है.

नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी के नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की किस्मत को लेकर आज फैसला होगा. उनकी ओर से गठित 33 सदस्यों की कमेटी आगे की रणनीति पर बैठक कर फैसला लेगी. आज की बैठक में कमेटी के सदस्य ही तय करेंगे कि हुड्डा कांग्रेस के साथ राजनीति करेंगे या पार्टी से अलग होकर हरियाण विधानसभा चुनाव में उतरेंगे. हुड्डा ने रोहतक में एक रैली के दौरान 33 सदस्यीय कमेटी गठित की थी. ये सदस्य आज बिट्ठल भाई पटेल हाउस दिल्ली के स्पीकर हॉल में बैठक करेंगे.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के रुख को देखते हुए भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने बगावती रुख अपनाया है. पिछले महीने हरियाणा के रोहतक में महापरिवर्तन रैली के दौरान उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास दिलाया था.
हुड्डा चाहते हैं कांग्रेस फिर से बनाए CM उम्मीदवार
हुड्डा चाहते हैं कि उनके पार्टी हरियाणा में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करे. इसके लिए वह पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर दबाव भी बना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री यह भी चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाकर उनके पसंद के नेता को अध्यक्ष बनाया जाए.
हुड्डा के बगावती तेवर के बाद भी अभी तक कांग्रेस पार्टी और शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. हुड्डा ने कई मसलो को लेकर अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. रैली के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस अपने रास्ते से भटक गयी है.
आर्टिकल 370 हटाए जाने पर हुड्डा ने किया था स्वागत
पार्टी के रुख से अलग हुड्डा ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की घोषणा कर दी थी.
दरअसल, भूपेन्द्र हुड्डा विधानसभा चुनाव मे टिकट बंटवारे का हिस्सा बनना चाहते है. हालांकि पार्टी ने अभी तक इस मामले पर कोई भी संकेत नहीं दिया है. पार्टी की ओर से चुप्पी के बाद वह आलाकमान पर दबाव बनाना चाहते हैं.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले अगर हुड्डा पार्टी छोड़कर जाते हैं तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जाएगा.
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