Atiq Ahmed Killed Reaction: 'एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार', बोले असदुद्दीन ओवैसी
Reaction On Atiq Ahmed Murder: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास हत्या कर दी गई. इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं.

Background
Atiq Ahmed Killed Live Updates: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर शनिवार (15 अप्रैल) रात को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की, जिसमें दोनों की मौत हो गई. पुलिस को गोलियों से छलनी अहमद और अशरफ को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा गया.
दोनों को वर्ष 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में अदालत में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था. गत 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अहमद का बेटा और उसका एक साथी मारा गया था. इससे पहले शनिवार को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का शव प्रयागराज में कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया.
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल के हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में एक ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम गुरुवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे. यह घटना उस समय हुई थी, जब अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी.
असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची. एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था. कसारी मसारी कब्रिस्तान में शव को दफनाने की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली. इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया. कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी.
कैलाश विजयवर्गीय ने दी प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है, जब राक्षसों का संहार होता है तब पृथ्वी का भार कम होता है.
पुलिस की ओर से गंभीर जांच की आवश्यकता- पूर्व डीजीपी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शीश पॉल वैद ने कहा कि माफिया डॉन और गैंगस्टर अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ प्रयागराज में एक हमले में मारे गए. उनकी आपराधिक गतिविधियों की जड़ें कितनी गहरी हैं कि उन्हें पुलिस हिरासत में और मीडिया के कैमरों के सामने बेरहमी से मार गिराया गया? ये हमलावर किसके आपराधिक राज की रक्षा कर रहे थे? यूपी पुलिस की ओर से गंभीर जांच की आवश्यकता है.
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Source: IOCL





















