एक्सप्लोरर

Air Pollution: दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना नहीं है असंभव, इन 5 उपायों को अपनाकर किया जा सकता है पॉल्यूशन कम

दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक कारें आ जाएं तो दिल्ली का प्रदूषण आधा हो जाएगा. लंदन में ऐसी ही गाड़ियां चलाने का प्लान तैयार हो गया है.ब्रिटेन दुनिया का पहला देश होगा जहां 10 साल बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही चलेंगी. वहां 2030 से पेट्रोल-डीजल वाली कारों की बिक्री पर पाबंदी लगाने का एलान कर दिया गया है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण चिंता का सबब बना हुआ है. हवा की गुणवत्ता इस कदर खराब है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर दिल्ली में कैसे प्रदूषण कम होगा? कब हमें जहरीले धुएं से निजात मिलेगी?  हालांकि ऐसा नहीं है कि इस मुश्किल का इलाज नहीं है. दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना असंभव नहीं है.जरूरत है तो ठोस राजनीतिक इच्छा शक्ति की. चलिए आज हम आपको ऐसे 5 उपाय बता रहे हैं जिन्हें सरकार अपनाएं तो दिल्ली को धुआं मुक्त किया जा सकता है.

1-सड़क पर दौड़ें इलेक्ट्रिक कारें दिल्ली में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है ट्रैफिक. बता दें कि दिल्ली शहर में करीब सवा करोड़ वाहन हैं. इनमें 32 लाख से ज्यादा कारें हैं और 70 लाख से ज्यादा टू व्हीलर. दिल्ली को धुआं-धुआं करने में सबसे ज्यादा योगदान इन्हीं का है. दिल्ली में प्रदूषण को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज ने 2010 और 2018 के बीच तुलना करते हुए जो आकड़ें जारी किए हैं उनसे साफ है कि दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह वाहन हैं. वहीं सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण तापमान का कम होना होता है. इससे प्रदूषण वाले कण जम जाते हैं. ऐसे में दिल्ली में अगर पेट्रोल और डीजल के वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक कारें चले तो प्रदूषण की आधी समस्या दूर हो सकती है.लेकिन फिलहाल ये दूर की कौड़ी लगती है. वो इसलिए क्योंकि दिल्ली समेत भारत के ज्यादातर शहरों में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है.. दूसरा पेट्रोल या डीजल कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक कार थोड़ी महंगी भी है. हालाकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पहल करते हुए नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का एलान किया है.इसके तहत - 100 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को मंजूरी दी गई है, जिन पर सब्सिडी दी जाएगी. इन इलेक्ट्रिक वाहनों में 45 ई-रिक्शा मॉडल और 12 चार पहिया मॉडल शामिल हैं. अब 15 लाख रुपये तक की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहन को सब्सिडी मिलेगी. इन वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन चार्ज में अलग से छूट मिलेगी. शहर में 70 चार्जिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क भी तैयार किया जा रहा है 2- मुफ्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट लक्जमबर्ग दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने अपने यहां इस साल मार्च से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह फ्री कर दिया है. अब सवाल है कि ये मॉडल दिल्ली में लागू किया जा सकता है क्या?  लेकिन दिल्ली के लिए फिलहाल ये मुश्किल लगता है क्योंकि लक्जमबर्ग की कुल आबादी सिर्फ 6 लाख की है जबकि दिल्ली की आबादी लगभग सवा दो करोड़ है. कोरोना काल से पहले सिर्फ मेट्रो से ही रोजाना लगभग 55-60 लाख यात्री सफर करते थे. दिल्ली में बसों की भी भारी कमी है. कोरोना से पहले दिल्ली की करीब 6000 बसों में रोजना 32 लाख लोग सफर किया करते थे. बसों की कमी के कारण लाखों लोगों को अपने निजी वाहनों से यात्रा करनी पड़ती है जिससे दिल्ली के प्रदूषण में भारी इजाफा होता है. कोरोना के बाद ये दिक्कत और बड़ी हो गई है. 3-  पराली हटाने का डीकम्पोजर कैप्सूल दिल्ली में पिछले एक दशक से पराली का धुआं सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा से आने वाला धुआ हैं. वहां के किसान अपने खेतों को साफ करने के लिए जो पराली जलाते हैं उसका धुआं दिल्ली और एनसीआर की हवा में जहर घोल देता है. मौजूद आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने में पराली जलने का योगदान 4 से 30 फीसदी तक हो सकता है.हालांकि पराली प्रदूषण बढ़ने का स्थायी स्रोत नहीं है. दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पराली की समस्या को खत्म करने के लिए एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसमें मात्र 20 रुपए का खर्च आता है. पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों ने डीकंपोजर कैप्सूल तैयार किए हैं. इन कैप्सूल्स को पूसा डीकंपोजर कैप्सूल भी कहा जाता है. एक पैकेट में आने वाले 4 कप्सूल से 25 लीटर घोल बन सकता है. इस घोल को 2.5 एकड़ खेत में इस्तेमाल किया जा सकता है. ये कैप्सूल धान के पुआल को डीकंपोज करने में कम समय लगायेगा और इससे मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर नहीं पड़ेगा. वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि इसके प्रयोग से किसानों की उर्वरक पर से निर्भरता भी कम होगी. ऐसे में किसानों की लागत घट सकती है.

4- दिल्लीवालों पर क्लीन टैक्स

पंजाब और हरियाणा में किसान पराली इसलिए जलाते हैं क्योंकि धान की कटाई के बाद खेत में बचे हुए अवशेष यानी पराली जमीन में ही रह जाती हैं. इन्हें काटने के लिए  मशीन काफी महंगी पड़ती है, और अगर मजदूर लगाए जाएं तो उन्हें भी काफी मेहनाताना देना पड़ता है. ऐसे में किसान के लिए सबसे आसान तरीका यही होता है कि वो खेत में पड़ी पराली को जला दे. इसके लिए ये बिल्कुल मुफ्त हो जाता है. ऐसे में अगर किसान को मशीन के लिए या फिर मजदूरी के लिए पूरी लागत दी जाए तो पराली की समस्या सुलझ सकती है. कई आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर दिल्ली में केजरीवाल सरकार ग्रीन टैक्स या क्लीन टैक्स वसूल कर अगर पंजाब और हरियाणा के किसानों की भरपाई कर दे तो एक रास्ता निकल सकता है

5- वर्टिकल गार्डनिंग

वर्टिकल गार्डनिंग यानी की इमारत की दीवारों पर पेड़ पौधे लगाना भी प्रदूषण को कम करने का एक नया उपाय है. ये एक तरह से एयर प्यूरीफायर का काम करता है.बैंगलोर, दिल्ली-NCR में कई जगह आपको वर्टिकल गार्डनिंग के नमूने मिल जाएंगे लेकिन इसे बड़े स्तर पर अभी तक लागू नहीं किया गया है. मेक्सिको में हुई एक रिसर्च के मुताबिक एक इमारत के चारों तरफ अगर वर्टिकल गार्डनिंग की जाए तो वो साल भर में करीब 40 टन जहरीली गैस सोख सकता है. ऐसे में दिल्ली-NCR में पार्क और खुली जगहों की कमी की वजह से वर्टिकल गार्डनिंग कॉन्सेप्ट को और बढ़ावा दिया जा सकता है. ये भी पढ़ें अमेरिका में कोरोना की पहली वैक्सीन 11 दिसंबर तक आने की संभावना, अप्रूवल मिलने का इंतजार

Weather Update: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने दी दस्तक, दिल्ली में नवंबर की सर्दी ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और...  भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और... भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ बच्चन संग काम करने पर विद्या बालन ने सुने थे ताने, जानें फिल्म का हाल
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ संग काम करने पर विद्या ने सुने थे ताने
Advertisement

वीडियोज

Crime Story: Heart Attack से मौत, Gaming के लिए दादी का मर्डर, Reel बनाने वालों का 'खूनी' खेल!
Malegaon Blast Verdict: क्या Congress राज में  'भगवा आतंक' स्क्रिप्टेड था? | Janhit | 31 July
Sikkim से लेकर Kedarnath तक, बारिश से दरक रहे पहाड़, देखिए वीडियो | Weather News
Malegaon blast Case: 17 साल बाद भी नहीं मिले आरोपी, NIA की नाकामी या कुछ और..? | Sandeep Chaudhary
Weather News: 1 घंटे की बारिश में डूब गई Cyber City, गाजियाबाद में बारिश से सोसायटी का बेसमेंट धंसा
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और...  भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और... भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ बच्चन संग काम करने पर विद्या बालन ने सुने थे ताने, जानें फिल्म का हाल
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ संग काम करने पर विद्या ने सुने थे ताने
IPL 2026: केएल राहुल छोड़ेंगे दिल्ली कैपिटल्स! तीन बार की चैंपियन टीम के बनेंगे कप्तान? हुआ बड़ा खुलासा
केएल राहुल छोड़ेंगे दिल्ली कैपिटल्स! तीन बार की चैंपियन टीम के बनेंगे कप्तान? हुआ बड़ा खुलासा
जानें भारत में 5 साल से कम उम्र के कितने बच्चे कुपोषण का शिकार, आंकड़ें देख डर जाएंगे आप
जानें भारत में 5 साल से कम उम्र के कितने बच्चे कुपोषण का शिकार, आंकड़ें देख डर जाएंगे आप
बैन मांझा बेचने पर मिलती है इतनी सजा, घर से उठाकर ले जाती है पुलिस
बैन मांझा बेचने पर मिलती है इतनी सजा, घर से उठाकर ले जाती है पुलिस
ब्रेस्ट के पास ब्रा की रगड़ से स्किन हो गई काली, क्या यह भी कैंसर की निशानी?
ब्रेस्ट के पास ब्रा की रगड़ से स्किन हो गई काली, क्या यह भी कैंसर की निशानी?
Embed widget