Rajendra Pal Gautam Case: राजेंद्र पाल गौतम से 4 घंटे चली पूछताछ, पूर्व मंत्री ने बताया किन सवालों से हुआ सामना
Rajendra Pal Gautam Resignation: राजेंद्र पाल गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर उठे विवाद के कारण रविवार (9 अक्टूबर) को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
Rajendra Pal Gautam Controversy: दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम एक धर्मांतरण कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को लेकर मंगलवार (11 अक्टूबर) को दिल्ली पुलिस के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए. इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की कथित तौर पर निंदा की गयी थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गौतम पहाड़गंज थाने में जांच में शामिल हुए.
दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से 4 घंटे तक पूछताछ हुई. उन्होंने बताया कि मुझसे पुलिस ने सवाल कि क्या 22 प्रतिज्ञा आज के समय में प्रासंगिक हैं? इसका जवाब मैंने दिया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पुरी के मंदिर में नहीं जाने दिया गया. कर्नाटक के एक मंदिर में दलित के मूर्ति छूने पर उनके परिवार से 60 हजार रुपये जुर्माना लिया गया. पूरे देश में दलितों का उत्पीड़न हो रहा. जब तक छुआछूत खत्म नहीं होती तब तक 22 प्रतिज्ञा प्रासंगिक रहेंगी. उन्होंने आगे कहा कि जब भी दलितों के साथ भेदभाव होता तो बड़े नेता चुप्पी साध लेते हैं. साथ ही दावा किया कि भारत छुआछूत से मुक्त नहीं हुआ और जातिवाद खत्म नहीं होता तो दस हजार ही नहीं हिदुस्तान के करोड़ों लोग बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगे.
पहले भी हुई है पूछताछ
सोमवार को पुलिस ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के सिलसिले में उनसे उनके निवास पर पूछताछ की थी. बाद में उन्हें मंगलवार को पहाड़गंज थाने में अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया.
नोटिस के अनुसार पांच अक्टूबर को गौतम ने अंबेडकर भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां ‘‘कुछ ऐसे शब्द सार्वजनिक रूप से कहे गए जिससे आम लोगों में नाराजगी है.’’ नोटिस में कहा गया है, ‘‘इस संबंध में लिखित शिकायतें मिली हैं. जांच के दौरान (यह निष्कर्ष निकला कि) कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई तय करने के लिए आपकी मौजूदगी (पेशी) बहुत जरूरी है.’’
नोटिस में कहा गया है, ‘‘आपको सभी दस्तावेजों के साथ पहाड़गंज थाने में पेश होने का अनुरोध किया जाता है/ निर्देश दिया जाता है, यदि आप पेश नहीं होते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपको अपनी ओर से कुछ कहना या सफाई देना नहीं है तथा फिर कानून के मुताबिक इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा.’’
सोमवार को पुलिस पूछताछ के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था, ‘‘उन्होंने मुझसे कार्यक्रम की प्रकृति के बारे में पूछा और यह भी सवाल किया कि इसका आयोजन कैसे किया गया. मैं कानून का पालन करता हूं और यदि मैंने कोई गुनाह किया है तो आप मामला दर्ज कर मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं. यदि मैंने (कोई गुनाह) नहीं किया है तो आप मुझसे पूछताछ कर सकते हैं.’’ साथ ही कहा कि ‘‘यदि मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं शिकायतकर्ता को मिठाइयां खिलाऊंगा.’’
आज पहाड़गंज थाने में मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया।
— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) October 11, 2022
पूछताछ के नाम पर वहां घंटों तक बिठाए रखा।
हम बाबा साहेब के कट्टर सिपाही हैं समाज के हक अधिकार की लड़ाई यूं ही जारी रहेगी।
क्रांतिकारी जय भीम! pic.twitter.com/ghgnA2Wiif
पूरा मामला क्या है?
राजेंद्र पाल गौतम ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर उठे विवाद के कारण रविवार (9 अक्टूबर) को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था और उनपर ‘हिंदू विरोधी’ होने का आरोप लगाया था.
ट्विटर पर साझा किये गये एक पत्र में राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि वह निजी हैसियत से इस कार्यक्रम में गए थे तथा इसका उनकी पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने केजरीवाल और आप को निशाना बनाने के लिए भी बीजेपी की निंदा की थी और आरोप लगाया कि वो इस मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति’ कर रही है. दिल्ली सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि वह मंत्रिपद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि उनकी वजह से उनके नेता या आप किसी संकट में फंसे.
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