पंजाब में शानदार जीत के बाद 'आप' का बड़ा एलान, अब इस राज्य में पंचायत चुनाव लड़ेगी पार्टी
पश्चिम बंगाल के अलावा 'आप' हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी मैदान में उतरेगी, जहां इस साल नवंबर में मतदान होगा. आप को उम्मीद है कि पंजाब की लहर हिमाचल प्रदेश तक भी पहुंचेगी.

पंजाब विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नजर अब अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों पर है. 'आप' ने सोमवार को घोषणा की कि वह पश्चिम बंगाल में 2023 का पंचायत चुनाव लड़ेगी और इसके लिए प्रचार शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल के 'आप' प्रभारी संजय बसु ने कहा, "आम आदमी पार्टी पश्चिम बंगाल में 2023 का पंचायत चुनाव लड़ेगी. पार्टी आलाकमान के निर्देश पर स्थानीय इकाई ने पहले ही अपना अभियान शुरू कर दिया है. 'आप' ने बीती 13 मार्च को कोलकाता में एक रैली भी की थी."
सोमवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में पश्चिम बंगाल 'आप' ने कहा, "13 मार्च को आम आदमी पार्टी महिला विंग ने कोलकाता में एक राज्य सम्मेलन आयोजित किया. उस बैठक में यह तय किया गया है कि आप महिला शक्ति की एक राज्य स्तरीय संचालन समिति होगी. अगले छह महीनों में विंग को ब्लॉक स्तर तक और मजबूत करने के लिए गठित किया गया है." दिल्ली के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने पांच लोगों को चुना है, जो पश्चिम बंगाल के हर जिले में पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे.
पश्चिम बंगाल के अलावा 'आप' हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी मैदान में उतरेगी, जहां इस साल नवंबर में मतदान होगा. एक सूत्र ने कहा, "जहां तक हिमाचल का सवाल है, यह पंजाब की सीमा से लगता है, जहां आप ने अभी-अभी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है. आप को उम्मीद है कि पंजाब की लहर हिमाचल प्रदेश तक भी पहुंचेगी." आप ने पंजाब विधानसभा चुनाव में 92 सीटें जीतकर इतिहास रचा है और भगवंत मान पंजाब के अगले सीएम होंगे. आप' का पंचायत चुनाव लड़ना अरविंद केजरीवाल की पार्टी को सीधे ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ खड़ा कर देगा, क्योंकि दोनों पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का विस्तार करने की इच्छुक हैं. वे दोनों गोवा चुनाव ऐसे समय में लड़े थे जब सीएम ममता बनर्जी विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान कर रही थीं.
'आप' के बंगाल की राजनीति में एंट्री को लेकर बीजेपी नेता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "हमने आप को देखा है जब वे बंगाल आए थे. उस समय वे कार्यकर्ताओं को इकट्ठा नहीं कर सके और चले गए. यह एक लोकतांत्रिक देश है. लोगों को कहीं से भी चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह बेकार है क्योंकि बंगाल में उनकी कोई गिनती नहीं है. गोवा में ममता बनर्जी का क्या हुआ? उनके प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार थे. बंगाल में आप के साथ भी ऐसा ही होगा."
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Source: IOCL























