Indian Citizenship: पांच सालों में 8.34 लाख भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में दिए आंकड़े
Indian Citizenship: पिछले पांच सालों में भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद ने सवाल किया था जिसका जवाब सरकार ने दिया.

Indian Citizenship: साल 2023 में 2,16,219 लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी. यह जानकारी केंद्र सरकार ने गुरुवार (01 अगस्त) को राज्यसभा में दी. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने साल 2019 से लेकर 2023 के बीच भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों के लिखित आंकड़े दिए. उन्होंने साल 2011 से 2018 के बीच के आंकड़े भी राज्यसभा में पेश किए.
मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों के आंकड़े राज्यसभा में देते हुए बताया कि साल 2022 में 2023 की तुलना में अधिक लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में 2,25,620 लोगों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी.
'आप' सांसद ने सरकार से पूछे थे सवाल
दरअसल, आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सांसद राघव चढ्ढा ने भारतीय नागरिकता छोड़ने को लेकर सवाल किया था. उन्होंने पूछा था कि बड़ी संख्या भारतीय नागरिक अपनी नागरिकता त्याग रहे हैं, क्या इनकी वजहों के बारे में सरकार ने जांच की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि बड़ी संख्या में नागरिकता त्यागने से भारत को होने वाले आर्थिक और बौद्धिक नुकसान का आकलन किया गया है?
भारतीय नागरिकता छोड़ने के पिछले पांच साल के आंकड़े-
| वर्ष | नागरिकता त्यागने वालों की संख्या |
| 2023 | 2,16,219 |
| 2022 | 2,25,620 |
| 2021 | 1,63,370 |
| 2020 | 85,256 |
| 2019 | 1,44,017 |
| कुल | 8,34,482 |
प्रवासी भारतीय देश की संपत्ति-मंत्री
आप सांसद के सवालों का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा की नागरिकता त्यागने या लेने का फैसला व्यक्तिगत होता है. मंत्री ने कहा कि ज्ञान और अर्थव्यवस्था के युग में सरकार वैश्विक कार्यस्थल क्षमता को पहचानती है. इससे भारतीय प्रवासियों के साथ अपने जुड़ाव में परिवर्तनकारी बदलाव आए हैं. मंत्री ने कहा कि एक सफल, समृद्ध और प्रभावशाली प्रवासी भारतीय देश के लिए संपत्ति हैं.
इन वजहों से भारतीय जा रहे विदेश
दरअसल, लोग बेहतर नौकरी, रहन-सहन और अन्य अवसरों के लिए लोग दूसरे देशों की नागरिकता लेते हैं. इसके साथ ही अपने देश में कम अवसर होने की वजह से भी लोग अन्य देश चले जाते हैं. पिछले एक दशक में भारी संख्या में भारतीयों ने कनाडा की नागरिकता ली है. इसके साथ ही पूरी दुनिया में भारतीय प्रवासी फैले हुए हैं.
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Source: IOCL





















