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भूकंप के साथ हुई थी 2023 की शुरुआत... एक साल में 124 बार कांपी धरती, जानें क्या है वजह

2023 में तीन बड़े भूकंप आए जिनकी तीव्रता 5 से ऊपर थी. 24 जनवरी को 5.8 तीव्रता, 3 अक्टूबर को 6.2 और 3 नवंबर को 6.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों से धरती हिल गई थी.

भूकंप के मामले में 2023 बेहद खतरनाक साबित हुआ है. साल के पहले महीने में ही 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था. आंकड़े बताते हैं कि इस साल 124 बार भूकंप के झटकों से धरती कांपी है. 24 जनवरी को 5.8 तीव्रता के भूकंप से साल की शुरुआत हुई. फिर 3 अक्टूबर को 6.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए और 3 नवंबर को 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने नेपाल में भारी तबाही मचाई. तीनों ही भूकंप का केंद्र नेपाल रहा है और भारत में पहाड़ी इलाकों से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक धरती दहल गई.

लोकसभा में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार (6 दिसंबर) को 4 सालों के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2020 से 2023 तक चार सालों में भूकंप की सबसे ज्यादा घटनाएं इस साल हुई हैं. भूकंप के सबसे कम झटके साल 2021 में महसूस किए गए हैं. उस साल 60 बार भूकंप आया. 2020 में 61 बार और साल 2022 में 65 बार भूकंप से धरती दहली थी. 

2023 में 124 बार कांपी धरती
124 भूकंप में से 97 भूकंप 3 से 3.9 तीव्रता के थे, जबकि 21 भूकंप ऐसे थे जिनकी तीव्रता 4 से 4.9 आंकी गई. इसके अलावा, 5 से 5.9 तीव्रता के 4 भूकंप आए और 2 बार बड़े भूकंप आए जिनक तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 से 6.9 आंकी गई. 

कितनी तीव्रता का भूकंप खतरनाक
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है. जीरो से 1.9 तीव्रता के झटके महसूस नहीं होते, लेकिन 2 से 2.9 तक हल्के झटके महसूस हो सकते हैं. 3 से 4.9 तीव्रता के झटकों का काफी अच्छे से पता चलता, लेकिन अगर इनकी तीव्रता 5 से ज्यादा है तो पंखे हिलने लगते हैं और बेड या कुर्सी पर बैठकर भी हिलता हुआ महसूस होता है. वहीं, अगर 6 से ऊपर की तीव्रता का भूकंप आता है तो इमारतों को नुकसान पहुंचता है. 7 और 8 तीव्रता के भूकंप में इमारतें गिर सकती हैं. इनसे तबाही मच सकती है. 6 फरवरी को तुर्की में 7.5 और 7.8 तीव्रता के एक के बाद एक कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस विनाशकारी भूकंप ने तुर्की में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी.

2023 में क्यों आए सबसे ज्यादा भूकंप
किरेन रिजीजू ने लोकसभा में यह भी बताया कि इस साल सबसे ज्यादा भूकंप के झटके क्यों महसूस किए गए. उन्होंने इसके लिए अल्मोड़ा फॉल्ट को भारत और नेपाल में आए भूकंप का कारण बताया है. रिजिजू ने कहा कि पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट के सक्रिय होने की वजह से उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप आए हैं. उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इसकी वजह से इस साल 24 जनवरी (5.8 तीव्रता), 3 अक्टूबर (6.2 तीव्रता), और 3 नवंबर (6.4 तीव्रता) को बड़े भूकंप आए. उन्होंने कहा कि इन भूकंपों और इनके बाद के झटकों की वजह से 2023 में भूकंप की आवृत्ति में वृद्धि हुई है, हालांकि पृष्ठभूमि भूकंपीयता अपरिवर्तित रही.

क्या है अल्मोड़ा फॉल्ट
अल्मोड़ा फॉल्ट पश्चिम-उत्तरपश्चिम-पूर्व-दक्षिणपूर्व से उत्तरपश्चिम-दक्षिणपूर्व में एक हाई एंगल ट्रेंडिंग प्लेन है, जो आंतरिक लघु हिमालय के गढ़वाल समूह को दक्षिण में बाहरी लघु हिमालय के जौनसार और दुदाटोली समूहों से अलग करता है.  केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट के सक्रिय होने की वजह से उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप आए हैं.

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