Tulsi Mala Rules: तुलसी माला पहनने के नियम: जानें किन गलतियों से खत्म हो जाती है इसकी ऊर्जा, और कैसे करें धारण!
Tulsi Mala Niyam: रुद्राक्ष की ही तरह तुलसी की माला का भी सनातन धर्म में विशेष महत्व है. तुलसी की माला को पहनने के कुछ नियम कायदे होते हैं, जिसका पालन करना बेहद जरूरी है. जानिए तुलसी माला के नियम?

Tulsi Mala Rules: सनातन धर्म में रुद्राक्ष की ही तरह तुलसी की माला पहनने का अपना महत्व होता है. तुलसी की माला व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है. तुलसी की माला धारण करने के बाद नकारात्मक ऊर्जा आपके आसपास भी भटकती नहीं हैं. तुलसी का पौधा भगवान श्री विष्णु को बेहद प्रिय है. इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान की कृपा बनी रहती है. ऐसे में जो लोग तुलसी की माला को स्टाइल के लिए धारण करते हुए, उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए. तुलसी की माला को धारण करने के कुछ नियम होते हैं, जिसका पालन करना बेहद जरूरी है.
तुलसी की माला का संबंध श्री हरि, कृष्ण और नारायण से होता है. तुलसी और तुलसी की माला बेहद पवित्र माने जाते हैं. ऐसे में इसे गलत तरीके से धारण करने पर इसकी ऊर्जा सकारात्मक से बदलकर नकारात्मक या क्षीण हो जाती है. तुलसी की माला को धारण करते समय व्यक्ति का मन और मस्तिष्क दोनों ही पवित्र होनी चाहिए. लेकिन इसे धारण करने वाले लोग जाने अनजानें ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण इसकी ऊर्जा खत्म हो जाती है.
किन कामों को करने से तुलसी माला की हो जाती है क्षीण?
- तुलसी की माला पहनकर अंडा, मछ्ली, मांस या शराब पीना गलत माना जाता है. ऐसा करने से इसकी शक्तियां क्षीण हो जाती है.
- कभी भी नींद या यौन संबंध बनाते समय तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए.
- अपनी तुलसी की माला किसी को भी छूने या पहनने को ना दें.
- तुलसी की माला को कभी भी दिखावे या फैशन के लिए नहीं पहनना चाहिए.
- तुलसी की माला में दैवीय शक्ति होती है, जिसका सम्मान करना बेहद जरूरी है. इसका सम्मान न करने पर यह क्षीण हो जाती है.
तुलसी की माला को धारण करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- कभी भी नहाने के बाद ही तुलसी की माला को गले में धारण करें.
- तुलसी माला को धारण करते वक्त 'हरे कृष्ण महामंत्र' या फिर 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
- तुलसी की माला को कभी भी भोजन करते वक्त या फिर अशुद्ध स्थान पर धारण न करें.
- अगर तुलसी की माला गलती से टूट जाए तो इसे फेंकने की बजाए नदी में बहाना या जलाना सही माना जाता है.
- तुलसी की माला को हमेशा मंदिर में भगवान के सामने रखना चाहिए.
- भगवान के सामने रखने से पहले उसे गंगाजल से धो दें.
तुलसी माला का संदर्भ पद्म पुराण के उत्तर खंड के अध्याय 142, श्लोक 30 में देखने को मिलता है. जहां तुलसी माला के संदर्भ में लिखा है कि 'तुलसीमालां धारयन् विष्णुलोकं स गच्छति' जिसका मतलब, 'जो भक्त भक्तिभाव से तुलसी माला को धारण करता है, वह विष्णु को प्राप्त होता है.' वहीं स्कंद पुराण के वैष्णव खंड, अध्याय 6 के श्लोक संख्या 17 में तुलसी माला के संदर्भ में लिखा है, 'अपराके शयने वापि, सेवनं मांसमद्योः। तुलसीमाला धारणं रसायनं शास्त्रसंमतम्' जिसका मतलब शास्त्र में अशुद्धि के दौरान तुलसी की माला पहनने की इजाजत नहीं है. तुलसी का सम्मान करें.
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