Gemology: इन 2 रत्नों को धारण करने से पहले जान लें ये जरूरी नियम, बेहद खतरनाक और प्रभावशाली हैं
Gemology: रत्न शास्त्र में हर राशि के लिए अलग-अलग रत्न सुझाए गए हैं. हर रत्न का अपना अलग महत्व होता है. कहते हैं कि बिना ज्योतिष की सलाह के रत्न धारण नहीं करना चाहिए.
Gemology: रत्न शास्त्र (Gemology) में हर राशि के लिए अलग-अलग रत्न सुझाए गए हैं. हर रत्न का अपना अलग महत्व होता है. कहते हैं कि बिना ज्योतिष की सलाह के रत्न धारण नहीं करना चाहिए. रत्नों को लेकर मान्यता है कि इसमें से निकलने वाली तरंगे शारीरिक और मानसिक समस्याओं का निदान करती हैं. लेकिन हर इंसान रत्न नहीं पहन सकता.
रत्न पहनने के लिए पहले ज्योतिष से सलाह लेनी चाहिए. साथ ही, ऐसा भी कहा जाता है कि व्यक्ति को रत्न सोच समझ कर ही धारण करने चाहिए. रत्नशास्त्र में दो रत्न बेहद शक्तिशाली और खतरनाक भी माने गए हैं. आइए जानते हैं इन रत्नों के बारे में.
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हीरा (Diamond Gemstone)
रत्न शास्त्र में 9 रत्नों के बारे में बताया गया है. हर रत्न अलग होता है. और हर रत्न का प्रभाव भी अलग ही होता है. कहते हैं कि हीरा सभी रत्नों में सबसे कीमती और कठोर है. हीरा रत्न शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है. मान्यता है कि इसे धारण करने से ऐश्वर्या और सुख के साधनो में वृद्धि होती है. वहीं, कहते हैं कि इस का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलता है.
आजकल महिलाएं इसे ग्लैमर और स्टेटस सिंबल की तरह ही पहन रही हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि इसे हीरा कभी भी व्यक्ति को दिखावे के लिए धारण नहीं करना चाहिए. वहीं, डायबिटीज और खून से संबंधित परेशानी से जूझ रहे लोग हीरे से दूर ही रहें. वहीं, वैवाहिक जीवन में पहले से कोई समस्या होने पर भी इसे नहीं पहनना चाहिए. रत्न शास्त्र के अनुसार अगर आप हीरे के साथ गोमेद या मूंगा पहनते हैं तो ये खतरनाक साबित हो सकता है.
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नीलम (Sapphire Gemstone)
नीलम रत्न को लेकर भी कई तरह की मान्यताएं हैं. कहते हैं कि नीलम रत्न भी हर किसी व्यक्ति को सूट नहीं करता. यह शनि का रत्न है. और शनि के दुषप्रभावों को कम करने के लिए या खत्म करने के लिए नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. इसे पहनने से पहले खास सावधानी बरतने की जरूरत है. बिना किसी ज्योतिषिय सलाह या फिर बिना जांचे परखे इस रत्न को धारण करने से इसका उल्टा असर देखने को मिलता है.
नीलम पहनने से पहले इसकी जांच करवा लेनी चाहिए. नीलम हमेशा लोहा या फिर चांदी में ही धारण करना चाहिए. इसे शनिवार के दिन बाएं हाथ में धारण करें. वहीं, चकौर नीलम पहनना ज्यादा शुभदायी माना जाता है. नीलम धारण करने से पहले शनि देव और भगवान शिव को समर्पित करें उसके बाद ही स्वंय धारण करें.
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