Dhanteras 2020: धनतेरस के दिन क्यों की जाती है भगवान धनवंतरि की पूजा, यह है जन्म से जुड़ी कथा
धनतेरस के दिन पूजे जाने वाले धनवंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. कहते हैं ये नारायण के 12वें अवतार थे. जिन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता भी कहा जाता है. इसीलिए इन्हें देव चिकित्सक का दर्जा प्राप्त है.
शुक्रवार को धनतेरस का पर्व है. जिससे पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. धनतेरस का पुराणों में महत्व मिलता है. कहते हैं इस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. लेकिन क्यों…? इसके पीछे भी एक कारण है जिसका ज़िक्र पुराणों में मिलता है. लेकिन सबसे पहले आपको बताते हैं कौन हैं भगवान धनवंतरि.
कौन हैं भगवान धनवंतरि
धनतेरस के दिन पूजे जाने वाले धनवंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. कहते हैं ये नारायण के 12वें अवतार थे. जिन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता भी कहा जाता है. इसीलिए इन्हें देव चिकित्सक का दर्जा प्राप्त है. अब आप सोच रहे होंगे कि धनतेरस से इनका क्या नाता है. तो इसका जवाब भी आपको दे देते हैं.
इस वजह से धनतेरस पर होती है पूजा
धनवंतरि भगवान को धनतेरस यानि कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर पूजा जाता है. और इसके पीछे भी एक कारण है. कहते हैं इनका जन्म समुद्र मंथन से हुआ. कार्तिक मास की त्रयोदशी पर समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि प्रकट हुए थे. उनके हाथ में अमृत कलश था जिसे लेकर ही देवताओं और असुरों में संग्राम हुआ था. इस कथा का ज़िक्र श्रीमद्भगवतगीता, महाभारत, विष्णु पुराणव अग्नि पुराण में भी मिलता है.
इसलिए खरीदे जाते हैं धनतेरस पर बर्तन
कहते हैं धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना बड़ा शुभ माना जाता है. इसीलिए इस दिन लोग विशेष रूप से बर्तनों की खरीददारी करने बाज़ारों में निकलते हैं. चूंकि भगवान धनवंतरि इस दिन हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे इसी वजह से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. इस दिन पीतल, तांबा, स्टील के बर्तन खरीदे जाते हैं लेकिन भूलकर भी लोहे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए.
कई ग्रंथों के रचयिता हैं भगवान धनवंतरि
शायद ये बात आप ना जानते हों कि भगवान धनवंतरि कई ग्रंथों के रचयिता हैं. उन्होंने धनवंतरि संहिता की रचना की जो आयुर्वेद का मूल ग्रंथ माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत मुनि ने धनवंतरि देव से ही चिकित्सा का ज्ञान प्राप्त किया. जिसे चरक ने आगे बढ़ाया. चूंकि धनवंतरि भगवान चिकित्सीय देव हैं इसीलिए इस दिन विशेष रूप से इनकी पूजा कर आरोग्य व स्वास्थ्य की कामना की जाती है.