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International No Diet Day: इस दिन बेफिक्र होकर खाएं अपने मनपसंद चीजें, ना होगा मन पर कोई गिल्ट, ना पहुंचेगा सेहत को नुकसान
हर साल 6 मई को अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे मनाया जाता है. ये दिन उनके लिए बेहद खास होता है जो हमेशा स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करते हैं और अपने खान पान को लेकर डिसिप्लिन में रहते हैं.
International No Diet Day 2024: आजकल ज्यादातर लोग बड़े हुए वजन या फिर तमाम तरीके की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर डाइट पर ही रहते हैं. अपनी डाइट में ढेर सारे रिस्ट्रिक्शंस कई बार बोरिंग हो जाते हैं. ऐसे में हर साल 6 मई को अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे मनाया जाता है. ये दिन उनके लिए बेहद खास होता है जो हमेशा स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करते हैं और अपने खान पान को लेकर डिसिप्लिन में रहते हैं. इस दिन लोग डाइट में अपने नियमों को तोड़ कर अपने पसंद की कोई भी चीज बिना गिल्ट के खाते हैं. देखा जाए तो इसे नो डाइट डे या फिर चीट डे भी कहा जा सकता है. ऐसा करके इस दिन लोग खुद के प्रति अपना प्यार का इजहार करते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं आखिर क्यों मनाया जाता है 6 मई को नो डाइट डे.
क्यों मनाया जाता है नो डाइट डे
खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से लगातार मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. लोग समय से पहले मोटापे का शिकार हो रहे हैं और यही मोटापा तमाम तरह की बीमारियों का घर बन रहा है. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट से लेकर जोड़ो तक के दर्द की बीमारी की वजह मोटापा बन चुका है. ऐसे में कई बार डॉक्टर स्ट्रिक्ट और अनुशासित डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं और खुद को फिट रखने के लिए लोग खुद को नियमों में बांधकर खाना खाते हैं. खुद को फिट रखने के लिए यह जरूरी है लेकिन रोजाना ऐसा करने से लोग अपने जीवन को एंजॉय करना भूल जाते हैं.
इसी उद्देश्य से हर साल 6 मई को नो डाइट डे मनाया जाता है ताकि एक दिन लोग खाने पीने के नियमों को तोड़ कर अपनी पसंदीदा चीजें खा सकें, और बिना पछतावा उन्हें इंजॉय कर सके. इस दिन अलग अलग एक्टिविटीज आयोजित की जाती है. इसके अलावा रिश्तेदार दोस्त एक दूसरे को घर पर लंच या डिनर पर इनवाइट करते हैं और खुलकर इस दिन को मनाते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे को पहली बार साल 1992 में मनाया गया था. इसकी शुरुआत ब्रिटेन की महिला मैरी इवांस ने की थी. मैरी का उद्देश्य था कि लोग अपने बॉडी शेप को लेकर शर्मिंदा न हों और वे जैसे दिखते हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार करें. साथ ही डाइटिंग से होने वाले नुकसान को भी समझें. मैरी इवांस खुद एक एनोरेक्सिया जैसी बीमारी से ग्रसित थीं. एनोरेक्सिया एक तरह की खाने की बीमारी है. इसे एनोरेक्सिया नर्वोसा भी कहा जाता है.
इस बीमारी में शरीर का वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. मैरी इवांस ने डाइट ब्रेकर नामक एक संगठन शुरू किया और अपने संगठन के जरिए ही पहली बार अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे का आयोजन किया था. वो लोगों को यह समझाना चाहती थीं कि आप जिस तरह दिखते हैं, वैसा ही खुद को स्वीकार करें. अपने बॉडी शेप के कारण खुद को शर्मिंदा महसूस न कराएं. जिंदगी को जिदांदिली से जिएं.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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