Kidney Stone: किडनी में किस साइज का स्टोन कितना खतरनाक, कितने बड़े स्टोन में बेहद जरूरी होती है सर्जरी?
Kidney Stone Warning Signs: छोटी किडनी स्टोन आसानी से निकल जाती हैं, लेकिन अगर स्टोन का साइज बड़ा हो, तो इसके लिए ऑपरेशन की जरूरत होती है. चलिए आपको बताते हैं कि इसके लिए कौन सा ऑपरेशन करवाएं.

Kidney Stone Emergency Symptoms: किडनी में बनने वाली पथरी कभी-कभी वहीं रह जाती है, जबकि कुछ पथरियां यूरिन के रास्ते नीचे की ओर बढ़ने लगती हैं। बहुत छोटी पथरी अक्सर बिना किसी परेशानी के निकल जाती है, लेकिन अगर पथरी का आकार बड़ा हो, तो वह रास्ता रोक सकती है और तेज दर्द की वजह बनती है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
किडनी स्टोन के आम लक्षण
किडनी स्टोन का आकार रेत के दाने जितना छोटा भी हो सकता है और कभी-कभी गोल्फ बॉल जितना बड़ा भी. छोटी पथरी कई बार बिना लक्षण के निकल जाती है, लेकिन बड़ी पथरी काफी तकलीफ देती है. इसके आम लक्षण हैं
- कमर या पेट के निचले हिस्से में एक तरफ तेज, चुभने वाला दर्द
- पेशाब में खून आना
- लगातार मतली या उल्टी
- बुखार और ठंड लगना
- पेशाब का रंग मटमैला होना या बदबू आना
अक्सर दर्द तब शुरू होता है जब पथरी अपनी जगह से हिलती है या यूरेटर में फंस जाती है.
हर पथरी अपने आप नहीं निकलती
कई मामलों में पथरी खुद-ब-खुद निकल जाती है, लेकिन कुछ पथरियों के लिए दवा या सर्जरी तक की जरूरत पड़ सकती है. पथरी का आकार इलाज तय करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है.
किडनी स्टोन का साइज और इलाज
1 से 4 मिमी (बहुत छोटी पथरी) अक्सर ज्यादा पानी पीने से अपने आप निकल जाती है. दर्द के लिए दवा काफी होती है.
5 से 7 मिमी की पथरी कई बार दवा और तरल पदार्थ से निकल सकती है, लेकिन अगर न निकले तो शॉक वेव लिथोट्रिप्सी जैसी प्रक्रिया करनी पड़ सकती है.
8 से 10 मिमी (बड़ी पथरी) अपने आप निकलने की संभावना कम होती है. लिथोट्रिप्सी या यूरेटरोस्कोपी की जरूरत पड़ सकती है.
10 मिमी से ज्यादा (बहुत बड़ी पथरी) ऐसी पथरी आमतौर पर खुद नहीं निकलती. इसके लिए सर्जरी, यूरेटरोस्कोपी या पीसीएनएल जैसी प्रक्रिया जरूरी हो जाती है.
किस साइज की पथरी में सर्जरी जरूरी होती है?
आमतौर पर 10 मिमी से बड़ी पथरी अपने आप नहीं निकलती और सर्जरी की जरूरत पड़ती है. यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी और ब्रिटेन की एनआईसीई गाइडलाइंस के अनुसार-
10 मिमी से बड़ी पथरी में सर्जरी या मिनिमली इनवेसिव ट्रीटमेंट किया जाता है.
5 से 7 मिमी की पथरी भी अगर दर्द, रुकावट या जटिलता पैदा करे, तो इलाज जरूरी हो जाता है.
सर्जरी का फैसला किन बातों पर निर्भर करता है?
सिर्फ साइज ही नहीं, कुछ और बातें भी अहम होती हैं-
पथरी की जगह- ऊपर की नली में फंसी पथरी नीचे की तुलना में जल्दी निकल सकती है.
किडनी की बनावट- किडनी का आकार और यूरिन ड्रेनेज क्षमता इलाज तय करती है.
पथरी का प्रकार- कुछ पथरियां शॉक वेव थेरेपी से नहीं टूटतीं.
मरीज की स्थिति- उम्र, पुरानी बीमारियां और दर्द सहने की क्षमता भी मायने रखती है.
बार-बार पथरी होना- ऐसे मामलों में छोटी पथरी के लिए भी सर्जरी पर विचार किया जा सकता है.
कब तुरंत डॉक्टर को दिखाएं?
अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो देर न करें-
- बहुत तेज या लंबे समय तक रहने वाला दर्द
- पेशाब रुक जाना
- बुखार या इंफेक्शन के लक्षण
- लगातार उल्टी
- पेशाब में खून
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL























