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TB: दोबारा से हो जाए TB तो क्या करें, जानिए कारण, लक्षण और बचाव
ज्यादातर लोग टीबी के लक्षणों से अनजान होते हैं.जब ये बीमारी शरीर में गंभीर रूप ले लेती है तब ही मरीज डॉक्टर के पास जाते है.कई केस में पूरा इलाज होने के बाद भी ये बीमारी फिर से दोबारा हो जाती है.
Why Tuberculosis Reactivate: भारत में टीबी की बीमारी के मरीजों की संख्या भले ही हर साल कम हो रहे हैं, लेकिन आज भी दुनियाभर में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं. टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) का इलाज 50 साल पहले ही खोज लिया गया था. बावजूद इसके आज भी इस बीमारी की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती हैं. WHO के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 22 लाख लोग टीबी की चपेट में आते हैं. इनमें से 18 लाख से ज्यादा की मौत हो होती हैं. ये डाटा बताता है कि, इलाज होने के बाद भी आज तक टीबी एक खतरनाक बीमारी बनी हुई है. कई मरीजों में तो पूरे इलाज के बाद भी टीबी दोबारा से लौट आती है. जानिए क्या है इसका कारण और इससे बचने के लिए क्या करें...
टीबी क्यों होती है
टीबी की बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस की वजह से होती है. मरीज को पर्याप्त इलाज होने के बाद भी ये बीमारी घातक बनी हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि ज्यादातर लोग टीबी के लक्षणों (TB Symptoms) से अनजान होते हैं. जब ये बीमारी शरीर में गंभीर रूप ले लेती है तब ही मरीज डॉक्टर के पास जाते है. कई केस में मरीज का पूरा इलाज होने के बाद भी ये बीमारी फिर से दोबारा हो जाती है. ऐसे में डॉक्टर्स को मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है.
दोबारा से क्यों होती है टीबी की बीमारी
कारण 1- डॉक्टर्स का कहना है कि, जब किसी मरीज में टीबी का पता चलता है तो दवाओं के माध्यम से उनका ट्रीटमेंट किया जाता है. टीबी कौन सी स्टेज में है उस हिसाब से मरीज की ट्रीटमेंट दिया जाता है. कुछ मरीज दवाओं का कोर्स पूरा नहीं करते हैं. ऐसे में शुरू में तो टीबी से आराम मिल जाता है, लेकिन कुछ समय बाद ये बीमारी दोबारा पनप जाती है.
कारण 2- टीबी फिर से होने का दूसरा बड़ा रीजन, इलाज के दौरान टीबी के कुछ बैक्टीरिया बौन मैरो की सेल्स में चले जाते हैं. जिनकी पहचान नहीं हो पाती है. इन पर दवाओं का ठीक से असर नहीं हो पाता है. जब ट्रीटमेंट पूरा हो जाता है और व्यक्ति टीबी फ्री होता है तो ये छुपे हुए बैक्टीरिया कुछ सालों बाद दोबारा एक्टिव हो जाते हैं. यही कारण है कि इलाज के बाद भी टीबी के मामले दोबारा आते हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि दोबारा टीबी न हो इसके लिए यह जरूरी है कि लोग अपनी दवाओं का कोर्स पूरा करें और टीबी के ट्रीटमेंट के बाद हर तीन महीने में अपनी टीबी की जांच कराते रहें.
टीबी से बचने के लिए क्या करें
टीबी के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
टीबी की बीमारी का समय पर पता चलना जरूरी है.
अक्सर बुखार होना
2-3 सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाली खांसी
रात को सोते समय पसीना आना
वजन कम होना
खांसी में खून आना
सांस लेने में परेशानी
टीबी से कैसे करें बचाव
शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर बनाए.
डाइट में हरे फल और सब्जियां शामिल करें.
रोज एक्सरसाइज करें.
प्रदूषण, धूल-धुआं और दूषित हवा वाली जगहों पर जानें से बचें.
खांसी से संबंधित कोई भी समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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