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Health Tips: हार्ट डिजीज और डायबिटीज का रिस्क हो सकता है जीरो, अगर रोजाना कर लिया ये काम
Health Study: अध्ययन में बताया गया है कि प्रकृति के बीच ज्यादा वक्त बिताने से हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियों का खतरा आसानी से रोका और मैनेज किया जा सकता है.
Heart Disease: अगर आप खुली हवा में रहते हैं और पार्क जैसी जगहों पर घूमा करते हैं आपके दिल की सेहत बेहतर बनी रहेगी. इससे हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा भी कम होता है. हाल ही में आई एक स्टडी में बताया गया है कि प्रकृति की गोद में समय बिताने से हार्ट डिजीज और कई क्रोनिक बीमारियों का रिस्क कम होता है. इससे सूजन की समस्या भी कम होती है.
ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्युनिटी जर्नल में पब्लिश इस स्टडी में शरीर में होने वाले सूजन इंफ्लेमेशन पर ही फोकस किया गया है. बता दें कि इससे पहले आई कुछ स्टडीज में बताया गया कि नेचर लवर्स की मेंटल और फिजिकल हेल्थ काफी बेहतर रहती है. अब नई स्टडी दिल की बीमारियों और प्रकृति के बीच गहरे कनेक्शन बताए हैं.
क्या कहती है स्टडी
इस स्टडी के अनुसार, प्रकृति के बीच ज्यादा समय बिताने से तीन अलग-अलग इंडीकेटर्स लाभ पहुंचाते हैं. इसमें इंटरल्यूकिन-6 (IL -6), सी - रिएक्टिव प्रोटीन और साइटोकिन्स है. अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एंथनी ओंग की अगुवाई में स्टडी करने वाली टीम ने बताया ये इंफ्लेमेशन बढ़ाने वाले इंडिकेटर्स पर फोकस कर स्टडी बायोलॉजिकल तरीके से बताती है कि प्रकृति किस तरह सेहत के लिए अच्छी होती है.
प्रकृति में रहने से सुधरती है सेहत
अध्ययन में बताया गया है कि प्रकृति के बीच ज्यादा वक्त बिताने से हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियों का खतरा आसानी से रोका और मैनेज किया जा सकता है. शोधकर्ताओं की टीम में 1,244 पार्टिसिपेंट्स की फिजिकल हेल्थ का एनालिसिस करने के साथ ही फिजिकल टेस्ट, यूरिन और ब्लड सैंपल की भी जांच की है.
कितनी देर बाहर घूमना चाहिए
सेहतमंद रहने के लिए कितनी देर प्रकृति के बीच घूमना चाहिए, इसे लेकर स्टडी लेखक और शोधकर्ता एंथनी ओंग ने बताया कि उस बारें में नहीं कि लोग कितनी देर तक बाहर घूमने जाते हैं और कितनी देर तक प्रकृति के बीच में रहते हैं, बल्कि उनके एक्सपीरिएंस की क्वालिटी के बारे में भी है. ओंग ने बताया कि पॉपुलेशन, हेल्दी बिहैवियर, दवाईयां और वेलनेस जैसे अन्य वेरिएबल्स को कंट्रोल करते समय भी उनकी टीम ने पाया कि नेचर लवर्स होने यानी प्रकृति में समय बिताने से सूजन की समस्या भी कम होती है. इसलिए हर किसी को दिन में कुछ समय प्रकृति के साथ गुजारना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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