Mandatory Military Service: इन देशों के नागरिकों को जरूर करनी होती है मिलिट्री ट्रेनिंग, जानें क्यों बनाया गया यह नियम
Mandatory Military Service: पूरी दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं जहां पर अनिवार्य सैन्य सेवा का नियम है. आइए जानते हैं उन सभी देशों के बारे में और इसके पीछे की वजह.

Mandatory Military Service: पूरी दुनिया में कई देश एक सिस्टम को फॉलो करते हैं जिसे अनिवार्य सैन्य सेवा या कॉन्स्क्रिप्शन के नाम से जाना जाता है. इसके तहत नागरिकों को एक निश्चित उम्र, आमतौर पर 18 साल की उम्र के बाद कानूनी तौर पर मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी होती है. यह नियम अक्सर लोगों को हैरान करता है. हालांकि कई देशों के लिए यह अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण राष्ट्र निर्माण के बारे में है. आइए जानते हैं कि कौन से देश के सिस्टम को फॉलो करते हैं और इसे क्यों लागू किया गया है.
किन देशों में मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य?
सबसे जाने माने उदाहरणों में से एक है इजराइल. यहां पर अनिवार्य सैन्य सेवा दुनिया में सबसे सख्त में से एक है. लगातार सुरक्षा खतरों और कम आबादी की वजह से इजराइल में पुरुषों को लगभग 32 महीने और महिलाओं को लगभग 24 महीने सेवा करनी होती है. सैन्य तैयारी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है और ज्यादातर नागरिक इजराइल रक्षा बलों के जरिए ट्रेनिंग लेते हैं.
दक्षिण कोरिया में अनिवार्य सैन्य सेवा उत्तर कोरिया के साथ चल रहे तनाव की वजह से है. हर स्वस्थ पुरुष को सेना, नौसेना या वायु सेना में 18 से 21 महीने तक सेवा करनी होती है. छूट काफी कम मिलती है,यहां तक की मशहूर हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय एथलीटों को भी इस नियम का पालन करना पड़ता है.
उत्तर कोरिया दुनिया का सबसे लंबा अनिवार्य सैन्य सेवा कार्यक्रम चलता है. पुरुषों को लगभग 10 साल तक सेवा करनी होती है और महिलाओं को लगभग 5 साल तक. यह सिस्टम देश की राजनीतिक विचारधारा और राज्य नियंत्रण पर उसके जोर को दर्शाता है. इसी के साथ रूस में 18 से 30 साल की उम्र के पुरुषों को 1 साल के लिए सेवा करनी होती है. जबकि पेशेवर सैनिक सशस्त्र बलों का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं. इस अनिवार्य सेवा द्वारा एक स्थिर रिजर्व बैंक सुनिश्चित किया जाता है और यह संघर्ष के समय में काम आता है. इसी के साथ ब्राजील, स्विट्जरलैंड, ग्रीस, ईरान, तुर्की और थाईलैंड जैसे देशों में भी किसी न किसी रूप में अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण है.
क्यों बनाया गया यह नियम?
अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण के पीछे मुख्य कारण राष्ट्रीय सुरक्षा है. जो देश बाहरी खतरों, दुश्मन पड़ोसियों या फिर भू राजनीतिक अस्थिरता का सामना करते हैं, यह देश अक्सर एक बड़ी और तैयार रक्षा शक्ति बनाए रखने के लिए भर्ती पर निर्भर रहते हैं. कम आबादी वाले देशों के लिए यह अनिवार्य सेवा इस बात को सुनिश्चित करती है कि युद्ध की स्थिति में पर्याप्त प्रशिक्षित नागरिक उपलब्ध हो. इसके अलावा एक और बड़ी वजह है एक ट्रेड रिजर्व फोर्स बनाना. अपनी सर्विस पूरी करने के बाद भी नागरिक मिलिट्री रिजर्व का हिस्सा बने रहते हैं और इमरजेंसी के समय काम आते हैं. इससे लड़ाई के दौरान रिस्पांस टाइम काफी ज्यादा कम हो जाता है.
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Source: IOCL
























