चुनाव के दौरान किसके पास होती है कैश जब्त करने की पावर? जान लें अपना अधिकार
चुनाव के दौरान कैश जब्त करने के पावर स्थानीय पुलिस, चुनाव आयोग की टीम और विशेष सर्विलांस टीम के पास होती है. चुनावी निगरानी के दौरान पुलिस कैश और संदिग्ध सामग्री जब्त कर सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसमें पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी. वहीं चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे. इसके अलावा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है. आचार संहिता लागू होने के बाद सारी पार्टियां वोटर्स को हर तरह से लुभाने में लगी रहती हैं. यही वजह होती है कि इस समय कैश जब्त होने के मामले भी सामने आते हैं. चलिए हम आपको बताते हैं कि चुनाव के दौरान कैश जब्त करने की पावर किसके पास होती है और इसे लेकर आपके क्या अधिकार है?
किसके पास होती है कैश जब्त की पावर?
चुनाव के दौरान कैश जब्त करने के पावर स्थानीय पुलिस, चुनाव आयोग की टीम और विशेष सर्विलांस टीम के पास होती है. चुनावी निगरानी के दौरान पुलिस कैश और संदिग्ध सामग्री जब्त कर सकती है. चुनाव आयोग की टीम मॉडल कोड का उल्लंघन करने पर चेकिंग करते समय सामान और कैश जब्त कर सकती है. इनके अलावा विशेष सर्विलांस टीमें बड़े अभियानों में निगरानी के दौरान कैश जब्त करती है. दरअसल, भारत में चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है. इसके बाद ज्यादा संख्या में कैश लेकर कर जाने पर रोक रहती है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति ज्यादा संख्या में कैश लेकर जाता है तो उसे उस कैश की पूरी जानकारी देनी होती है. ऐसा नहीं करने पर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. आचार संहिता लागू होने के बाद एक व्यक्ति के पास ज्यादा से ज्यादा 50,000 तक नकद रखने की सीमा होती है. हालांकि इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों के निर्देश अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन किसी के पास तय सीमा से ज्यादा नकद मिलता है, तो पुलिस या फिर चुनावी आयोग उससे पूछताछ कर सकते हैं और सही से जवाब न मिलने पर वह राशि जब्त की जा सकती है.
कहां जमा किया जाता है चुनाव के दौरान जब्त हुआ कैश?
चुनाव के दौरान आमतौर पर जब्त की गई नकदी आयकर विभाग या संबंधित अधिकारियों को सौंप जाती है. 10 लाख या उससे ज्यादा रकम मिलने पर इसे जिले में ट्रेजरी में जमा करवाना पड़ता है और इनकम टैक्स के नोडल अधिकारियों को सूचित किया जाता है. कैश के अलावा आचार संहिता लगने पर शराब और अन्य नशीला सामान भी जब्त किया जाता है. ऐसे में अधिकारियों की ओर से जब्त की गई अवैध शराब को नष्ट कर दिया जाता है.
चुनाव में कैश जब्ती को लेकर आपके अधिकार
अगर चुनाव के दौरान किसी व्यक्ति के पास से कैश जब्त कर लिया जाता है. वहीं वह व्यक्ति उस पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं कर रहा होता है तो वह व्यक्ति अपने कैश को लेकर क्लेम कर सकता है. क्लेम करने के लिए व्यक्ति को बैंक की रसीद, एटीएम ट्रांजैक्शन, बैंक स्टेटमेंट, पासबुक की एंट्री और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज दिखाना जरूरी होता है. अगर कोई व्यक्ति साबित कर देता है कि जब्त किया गया कैश कानूनी तरीके से कमाया गया और चुनाव प्रभावित करने के लिए नहीं थ, तो संबंधित विभाग जब्त की गई राशि वापस कर सकता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति क्लेम साबित नहीं कर पाता है, तो वह राशि सरकारी खजाने में जमा हो जाती है. इसके अलावा चुनावों के दौरान शादियों के सीजन में अगर कोई आम नागरिक कैश लेकर जाता है तो उस पर कोई रोक नहीं होती है. वहीं अगर कोई व्यक्ति इलाज और व्यापर खर्च के लिए कैश लेकर जाता है और उसका किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है तो वह कैश ले जा सकता है.
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Source: IOCL
























