Richest Temples: भारत के किन-किन मंदिरों में खजाना होने का अनुमान, जानें किस मंदिर में सबसे ज्यादा सोना-चांदी?
Richest Temples: भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो अपनी श्रद्धा और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ इसलिए भी पहचाने जाते हैं क्योंकि वहां पर बहुमूल्य खजाना है. आइए जानते हैं इन्हीं मंदिरों के बारे में.

Richest Temples: आस्था और भक्ति की भूमि भारत में कुछ ऐसे मंदिर है जो न सिर्फ आध्यात्मिकता से समृद्ध है बल्कि खजानों से भी भरे हुए हैं. सदियों से भक्तों ने सोना, चांदी और बहुमूल्य रत्न चढ़ाकर इन मंदिरों को समृद्ध किया है. आइए जानते हैं कि किन मंदिरों में सबसे ज्यादा खजाना है.
सबसे धनी मंदिर
जब धन की बात आती है तो भारत का कोई भी मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मानाभस्वामी मंदिर की बराबरी नहीं कर सकता. इस मंदिर में अनुमानित खजाना 1.2 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बताया जाता है. इसी के साथ यहां पर लगभग 1500 टन सोना भी है, जिसमें सिक्के,आभूषण और मूर्तियां भी शामिल हैं. इस मंदिर में प्राचीन सोना और दुर्लभ रत्न हैं. 2011 में इन तहखानों की खोज की वजह से इस बेजोड़ समृद्धि के बारे में पता चला था और दुनिया भर का ध्यान इस तरफ मुड़ा था.
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम, आंध्र प्रदेश
तिरुपति में स्थित भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर भारत का दूसरा सबसे धनी मंदिर है. यहां पर 10.25 टन से ज्यादा का सोना है. 2023 में भक्तों ने यहां 1031 किलोग्राम सोना और 15,938 करोड़ रुपए से ज्यादा का नकद दान किया था.
लक्ष्मी नारायण मंदिर, वेल्लोर
इस मंदिर को वेल्लोर के स्वर्ण मंदिर के नाम से भी पहचाना जाता है. यह मंदिर की वास्तुकला 1.5 से ज्यादा बजनी सोने की चादरों से ढकी हुई है.
अपार संपत्ति वाले बाकी मंदिर
शिर्डी साईं बाबा मंदिर, महाराष्ट्र सभी धर्म के भक्तों का आकर्षित करता है. इसके खजाने में भी करोड़ों रुपए का सोना, चांदी और कीमती पत्थर हैं. इसी के साथ जम्मू का माता वैष्णो देवी मंदिर त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है. यहां पर भी हर साल भारी मात्रा में सोना, चांदी और नकद चढ़ावा आता है. इसके अलावा हरमंदिर साहिब जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है पंजाब का काफी भव्य मंदिर है. इसका यह नाम इसकी ऊपरी मंदिरों पर लगे सोने के आवरण की वजह से पड़ा है. इस मंदिर को भी हर साल करोड़ों रुपए का दान मिलता है.
इसी के साथ असम का कामाख्या मंदिर भी अपने आध्यात्मिक शक्ति के लिए पहचाना जाता है. यह 51 शक्तिपीठों में से एक है. हर साल भक्तजन यहां पर काफी सोना और चांदी चढ़ते हैं. यह सभी मंदिर भौतिक संपदा से काफी ज्यादा दर्शाते हैं. सदियों पुरानी आस्था, कला और विरासत के प्रतीक ये मंदिर अपने अंदर भव्य खजाने को संरक्षित किए हुए हैं.
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