तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो कौन-कौन से देश होंगे एक तरफ और किसके खिलाफ होगी जंग; भारत की क्या होगी भूमिका?
दुनिया तेजी से तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रही है. शक्तिशाली देशों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है और मौजूदा समय में कई देश दो गुटों में बंट चुके हैं. ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है.

दुनिया के कई देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. एक तरफ रूस पिछले तीन साल से यूक्रेन के साथ जंग में उलझा हुआ है तो दूसरी तरफ मिडिल ईस्ट में भीषण नरसंहार के बाद तुर्किए और इजराइल के बीच टकराव बढ़ रहा है. वहीं, एशिया में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं और हाल ही में दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष भी देखा गया था.
शक्तिशाली देशों के बीच बढ़ता टकराव तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को जन्म दे रहा है और दुनिया के कई देश दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं. इसकी एक बानगी रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत में दिखी थी, जब रूस के खिलाफ सभी पश्चिमी देश लामबंद हो गए थे, तो चीन, उत्तर कोरिया समेत कई देश रूस के समर्थन में आ गए थे. अगर यह स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब दुनिया के सामने एक बड़ा सैन्य संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है कि कौन से देश किस गुट में होंगे और इसमें भारत की भूमिका क्या होगा?
अब तक दो विश्व युद्धों में हुई है भीषण तबाही
दुनिया में अब तक दो विश्व युद्ध हो चुके हैं. पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला था. यह विश्व युद्ध मित्र राष्ट्रों और केंद्रीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था, जिसमें करीब 2 करोड़ लोगों की मौत हुई थी. मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिट्रेन, रूस, इटली, अमेरिका, जापान जैसे देश शामिल थे, तो केंद्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया शामिल था. इसके बाद इतिहास का सबसे विनाशकारी द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला था. यह युद्ध धुरी राष्ट्रों और मित्र राष्ट्रों के बीच हुआ था, जिसमें जर्मनी, इटली, जापान, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और कुछ हद तक चीन भी शामिल था. इस विश्व युद्ध में दुनिया भर में करीब 70 से 85 मिलियन मौतों का अनुमान लगाया गया था.
किन देशों के बीच होगा तीसरा विश्व युद्ध!
अगर मौजूदा हालातों को देखें तो दुनिया तेजी से तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रही है. दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच टकराव बढ़ता है तो कई देश इसमें शामिल हो सकते हैं. अब सवाल है कि यह किन देशों के बीच होगा? मौजूदा समय में अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वह रूस और चीन को अपना प्रतिद्वंदी मानता है. वहीं, अमेरिका के साथ यूरोपीय देश भी इस जंग में शामिल हो सकते हैं, इसके अलावा नॉटो कंट्रीज भी अमेरिका का साथ दे सकती हैं. वहीं, दूसरे गुट में रूस, चीन, उत्तर कोरिया और अरब देश शामिल हो सकते हैं.
भारत का क्या रहेगा रुख?
भारत का कूटनीति हमेशा से दूसरे देशों की अंदरूनी राजनीति में न पड़ने की रही है और यह देश गुट निरपेक्ष नीति को अपनाता है. शीत युद्ध के समय जब विश्व की दो महाशक्तियों अमेरिका और सोवियत संघ के बीच टकराव बढ़ता जा रहा था, तो भारत ने किसी के पक्ष में न जाने का फैसला करते हुए गुट निरपेक्ष नीति को अपनाया था. भारत आज भी अपने इसी सिद्धांत पर कायम है. भारत का उद्देश्य अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना है. ऐसे में तृतीय विश्व युद्ध अगर होता है तो भारत इसी सिद्धांत पर आगे बढ़ते हुए, खुद को वैश्विक युद्ध से अलग रखने की कोशिश करेगा.
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Source: IOCL
























