Maximum Bowling Speed: ज्यादा से ज्यादा कितनी स्पीड से बॉल फेंक सकता है बॉलर, क्यों नहीं टूट रहा शोएब अख्तर का रिकॉर्ड?
Maximum Bowling Speed: क्रिकेट की दुनिया में सभी गेंदबाज तेज रफ्तार से गेंदबाजी करने की ख्वाहिश रखते हैं. आइए जानते हैं कि एक गेंदबाज ज्यादा से ज्यादा कितनी स्पीड से बॉल फेंक सकता है.

Maximum Bowling Speed: क्रिकेट की दुनिया में रफ्तार काफी ज्यादा मायने रखती है. दशकों से गेंदबाज अब तक की सबसे तेज गेंद फेंकने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन एक रिकॉर्ड है जो अभी तक कायम है. यह रिकॉर्ड शोएब अख्तर की 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली गेंद है जो उन्होंने 2003 विश्व कप के दौरान फेंकी थी. रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर के इस रिकार्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया. हालांकि हाल ही में हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले वनडे मैच में मिचेल स्टार्क ने रोहित शर्मा को एक गेंद फेंकी थी. इस गेंद की रफ्तार 176.5 किलोमीटर प्रति घंटा दिखाई गई. बाद में पता चला कि स्पीड गन ग्राफिक्स में दिखाई गई 176.5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार बस एक गलती थी. आज हम जानेंगे कि आखिर अब तक शोएब अख्तर का रिकॉर्ड क्यों नहीं टूट पाया और कोई बॉलर ज्यादा से ज्यादा कितनी तेज गेंद फेंक सकता है?
एक गेंदबाज कितनी तेज गेंद फेंक सकता है?
दरअसल गेंदबाज की गति काफी सारी चीजों पर निर्धारित होती है. गेंदबाज के शरीर से लेकर उसकी तकनीक और प्रशिक्षण तक सब कुछ. वैसे तो कोई निश्चित गति सीमा नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक तेज गेंदबाज लगातार 175 किलोमीटर प्रति घंटा से 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गेंद फेंक सकता है. इस गति से मानव शरीर पर काफी ज्यादा तनाव पड़ेगा और यही वजह है कि इस सीमा को ऊपरी सीमा माना जाता है.
गेंदबाज का शरीर उसकी गति को निर्धारित करने में काफी अहम भूमिका निभाता है. लंबे अंगों और पुष्ट शरीर वाले गेंदबाज स्वाभाविक रूप से तेज गति वाली गेंद फेंक सकते हैं. इसके अलावा गेंदबाज का एक्शन, वे गेंद फेंकने के लिए कैसे दौड़ते हैं और उनके पैरों, कोर और ऊपरी शरीर में विकसित होने वाली ताकत भी उनकी गेंदबाजी की स्पीड को प्रभावित कर सकती है.
आधुनिक क्रिकेट का बदलता स्वरूप
आज के समय में टी20 क्रिकेट में सिर्फ गति पर कम और रणनीतिक विविधताओं पर ज्यादा जोर दिया जाता है. आधुनिक गेंदबाजों ने धीमी गेंदे, यॉर्कर और कटर जैसी कुशलताएं विकसित की हैं. इन तकनीक का इस्तेमाल करके बिना किसी गति पर निर्भर लिए गेंदबाज बल्लेबाजों को चकमा देने में माहिर हो चुके हैं. आज गेंदबाज सिर्फ विरोधी टीम से तेज गेंदबाजी करने की कोशिश करने के बजाय बल्लेबाजों के साथ सटीकता और मानसिक खेल बनाए रखने में ज्यादा ध्यान लगाते हैं.
इस रिकार्ड को तोड़ना मुश्किल क्यों?
दरअसल तेज गेंदबाजी को अक्सर प्राकृतिक क्षमता और सीखी हुई तकनीक का एक मिश्रण माना जाता है. कोच सिर्फ गेंदबाजों को तेज गति से गेंदबाजी करने के लिए जरूरी तकनीक विकसित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन गेंदबाज लगातार तेज गति से गेंदबाजी कर सकता है या फिर नहीं इसमें प्राकृतिक प्रतिभा का किरदार काफी बड़ा होता है.
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