Pearl Harbor Attack: पर्ल हार्बर अटैक के बाद अमेरिका ने गिरा दिए थे परमाणु बम, जानें रूस पर हुए हमले से ये कितना अलग
Pearl Harbor Attack: रूस और यूक्रेन की लड़ाई पिछले कई सालों से चल रही है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही. यूक्रेन किसी भी तरह रूस के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है.

Pearl Harbor Attack: किसी भी युद्ध को जीतने के लिए सामने खड़े दुश्मन की कमर तोड़ना जरूरी होता है. दुश्मन की सैन्य ताकत को कमजोर करने के बाद ही जंग में जीत मिलती है. ऐसा इतिहास की तमाम लड़ाइयों में हम देख चुके हैं. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में भी यही हो रहा है. यूक्रेन की तरफ से अब रूस पर बड़ा हमला किया गया है, जिसमें रूस के कई बमवर्षक विमानों को एक झटके में तबाह कर दिया गया. ये एक अचानक की गई एयरस्ट्राइक थी, जिसे रूस रोक नहीं पाया. अब इस हमले को अमेरिका के पर्ल हार्बर अटैक से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि पर्ल हार्बर में आखिर हुआ क्या था...
यूक्रेन नहीं मान रहा हार
पहले बात रूस और यूक्रेन के युद्ध की करें तो ये लड़ाई पिछले कई सालों से चल रही है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही. यूक्रेन किसी भी तरह रूस के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है. वहीं रूस भी यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है. इसी बीच यूक्रेन के हवाई हमले ने तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी एक बार फिर बजाई है. अब लोगों को वो हमला याद आ रहा है, जिसने परमाणु हमले की तरफ पहला कदम बढ़ाने का काम किया था.
कैसे हुआ था पर्ल हार्बर अटैक?
ये कहानी सेकेंड वर्ल्ड वॉर की है, जब अमेरिका किसी भी हाल में इस विश्वयुद्ध में कूदना नहीं चाहता था. वहीं जापान को अमेरिका से खतरा महसूस हो रहा था, इसीलिए जापान के शासक ने अमेरिका पर हमला करने की योजना बनाई. जापान ने अमेरिका के बड़े बंदरगाह पर्ल हार्बर को अपना टारगेट चुन लिया, यहां अमेरिका के बड़े युद्धपोत और सैन्य ताकत हुआ करती थी.
7 दिसंबर 1941 की सुबह जापान के कई विमानों ने एक साथ मिलकर पर्ल हार्बर पर बम बरसाने शुरू कर दिए. अमेरिका को इस हमले का अंदाजा भी नहीं था. इस हमले में अमेरिका के 300 से ज्यादा विमान तबाह हो गए और कई समुद्री जहाज भी नष्ट हुए. हमले में कुल 2400 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई.
अमेरिका ने जापान के खात्मे की खाई कसम
इस बड़े हमले के बाद अमेरिका की तरफ से सीधे जापान के साथ युद्ध का ऐलान कर दिया गया. इसके साथ ही अमेरिका भी द्वितीय विश्वयुद्ध में कूद गया. अमेरिका ने जापान पर कई हमले किए, लेकिन उस तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाया. इसके बाद जापान को सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद जापान ने ऐसा नहीं किया. आखिरकार 1945 में अमेरिका ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नाकासाकी पर परमाणु बम गिरा दिए. इसके बाद जापान को सरेंडर करना पड़ा.
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Source: IOCL























