इजरायल के आयरन डोम की ये है सबसे बड़ी कमजोरी, रूस के पास है इसका तोड़
छह फ्रंट वॉर लड़ रहे इजरायल का आयरन डोम सिस्टम इन दिनों खासी चर्चाओं में है. ऐसे में क्या आप इस आयरन डोम सिस्टम की कमजोरी जानते हैं?
इजरायल पर इन दिनों ईरान मिसाइल से अटैक कर रहा है, जिसका सामना इजरायल अपने आयरन डोम सिस्टम से कर रहा है. यही वजह है कि इजरायल का आयरन डोम सिस्टम इन दिनों खूब चर्चाओं में है. ये आयरन डोम सिस्टम इजरायल पर हर ओर से हो रहे मिसाइल हमलों का सामना कर रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस आयरन डोम सिस्टम की कोई कमजोरी नहीं है. जी हां, इजरायल के बेहतरीन आयरन डोम सिस्टम की भी कमजोरियां हैं.
कैसे काम करता है आयरन डोम सिस्टम?
आयरन डोम एक मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम है, जो इजरायल को रॉकेट, आर्टिलरी शेल और मोर्टार फायर से बचाने के लिए डि़जाइन किया गया है. यह सिस्टम कई रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों का उपयोग करता है. जब यह किसी खतरे को पहचानता है, तो ये तुरंत उस पर प्रतिक्रिया करता है और उसे नष्ट करने का प्रयास करता है. इस प्रणाली की सफलता दर काफी उच्च है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी मौजूद हैं.
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क्या है आयरन डोम की कमजोरियां
आयरन डोम की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह केवल छोटे और मध्यम रेंज की मिसाइलों के खिलाफ प्रभावी है. जब बात बड़े पैमाने पर मिसाइल हमलों की आती है, तो इस प्रणाली की क्षमता सीमित हो जाती है. उदाहरण के लिए, अगर एक साथ कई मिसाइलें दागी जाती हैं, तो आयरन डोम को इन सभी का सामना करने में कठिनाई हो सकती है.
रूस के पास ऐसे एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम हैं, जैसे कि S-400 और S-500, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं और अधिक ऊँचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर सकते हैं. इस प्रकार, यदि रूस के पास आयरन डोम के खिलाफ कोई तकनीकी उपाय है, तो यह इजरायल के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है.
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रूस के पास है तोड़
रूस ने अपने सैन्य आर्किटेक्चर में कई उन्नत तकनीकों का समावेश किया है, जो इजरायल के आयरन डोम को चुनौती दे सकती हैं. उनकी S-400 प्रणाली को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह लंबी दूरी की मिसाइलों को भी पहचानने और नष्ट करने की क्षमता रखती है. इसके अलावा, रूस के पास ऐसी तकनीकें हैं जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के माध्यम से आयरन डोम की कार्यक्षमता को बाधित कर सकती हैं.
इजरायल का आयरन डोम केवल उसकी सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में भी एक खास भूमिका निभाता है. हाल में देखा गया है कि इजरायल की सुरक्षा रणनीतियां अब और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गई हैं. यह स्थिति न केवल इजरायल के लिए, बल्कि उसके सहयोगियों के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि यदि आयरन डोम को प्रभावी रूप से बाधित किया जाता है, तो क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
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