इस साल आएंगे दो खतरनाक सौर तूफान... तो जानिए पृथ्वी पर कब-कब आएंगे संकट के बादल?
2024 खगोलिय घटनाओं की वजह सेे बहुत खास होनेे वाला है. जहां सूर्य से आने वाले दो तूफानों की वजह से पृथ्वी पर परेशानियां भी बढ़ने वाली हैं.
साल 2024 खगोलीय घटनाओं की वजह से बेहद खास होने वाला है. जो लोगों के लिए परेशानियों की वजह बनकर भी सामने आ सकता है. दरअसल इस साल चार ग्रहण होने वाले हैं तो वहीं उल्कापात और अपनी टिमटिमाती रोशनी के साथ पृथ्वी की ओर बढ़ रहेे एस्टेरॉयड के नजारे लोगों को आकर्षित करेंगे. इसके अलावा मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल दो सौर तूफान भी आने वाले हैं.
क्या होते हैं सौर तूफान
बता दें सौर तूफान सूर्य से निकलने वाले प्लाज्मा होते हैं. जो पृथ्वी के वातावरण में आने पर हमारे बिजली संयंत्रों, टेलीकॉम नेटवर्क और सैटेलाइट को नुकसान पहुंचाते हैं. खगौल वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल दो सौर तूफान आ सकते हैं. जो सूर्य से निकलकर पृथ्वी के करीब पहुंंच सकते हैं.
चार बार होगा ग्रहण
इसके अलावा वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल चार ग्रहण होने वाले हैं. जिनमें से दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को देखने को मिलेगा तो वहीं 18 सितंबर को दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. इसके इतर पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को होगा तो वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को देखने को मिलेगा.
क्या है उल्कापात
दरअसल अंतरिक्ष के सबसेे सुंदर नजारों में से एक उल्कापात है. इस साल 11 से 14 अगस्त के बीच पर्सीड उल्कापात देखने को मिलेगा. इस दौरान हर घंटे 50 से 70 टूटते तारे अंधेरे आकाश में नजर आएंगे. वहीं 1 सिंतबर से 15 सितंबर तक जेमिनीड उल्कापात देखने को मिलेगा. जिसमें हर घंटे 100 से 150 टूूटते तारे आसमान में दिखाई देने वाले हैं.
पृथ्वी और चांद से बीच से गुजरेंगे एस्टॉरायड
इस साल ही अंतरिक्ष में बहुुत दूर से 24 बड़ी चट्टानें पृथ्वी की ओर बढ़ रही हैं. जिनमें से 12 को साल के पहले महीने में ही देखा जा सकेगा. इनमें से आने वाले 6 दिनों में चार एस्टेरॉयड पृथ्वी और चांद के बीच में से गुजरेंगे. वहीं अप्रैल, नवंबर और दिसंबर महीने में 3-3 एस्टेरॉयड नजर आ सकते हैं.
यदि आप सोच रहे हैं कि एस्टेरॉयड क्या होते हैं तो बता दें ये वो चट्टानें होती हैं जो अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से घूम रही हैं. ये चट्टानेें कई तरह की धातुओं से बनी होती हैं. ये चट्टानें ग्रहों से टकराने के बाद कई बार बड़ी तबाही का कारण भी बन जाते हैं. इसलिए हमेशा वैेज्ञानिक इनपर नजर बनाए रहते हैं.
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