इस फाइटर प्लेन को उड़ाने वाले पहले भारतीय पायलट थे रतन टाटा, महज इतनी उम्र में मिला था लाइसेंस
रतन टाटा ने एक बार फाइटर जेट उड़ाकर सभी को हैरत में डाल दिया था. चलिए जानते हैं कि रतन टाटा को किस उम्र में फाइटर जेट का लाइसेंस मिला था.
रतन टाटा के निधन की खबर ने सभी को हैरत में डाल दिया है. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ किया था, उन्हीं में फाइटर जेट उड़ाना भी शामिल था. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि रतन टाटा फाइटर प्लेन को उड़ाने वाले पहले भारतीय पायलट थे. चलिए जानते हैं कि आखिर रतन टाटा ने कहां और कैसे ये फाइटर प्लेन उड़ाया था.
जब रतन टाटा ने उड़ाया फाइटर जेट
रतन टाटा न सिर्फ कारोबार और बिजनेस को आगे बढ़ाने की काबिलियत रखते थे बल्कि वो फाइटर प्लेन उड़ाने की काबिलियत रखते थे. रतन टाटा एक लाइसेंस प्राप्त पाइलट थे. जब तक उसकी सेहत ठीक रही वो पायलट के रूप में उड़ान भरते रहे. कम ही लोग जानते हैं कि भारतीय अरबपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा F-16 फाल्कन लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले भारतीय नागरिक थे. साल 2007 में उन्होंने 69 साल की उम्र में F-16 फाल्कन फाइटर जेट को उड़ाकर सबको चौंका दिया था.
बता दें कि बैंगलुरु में एक एयरशो में, टाटा ने F-16 के सह-पायलट के रूप में काम किया, जिसे पॉल हैटनडॉर्फ ने उड़ाया था, जो विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के एक परीक्षण पायलट थे.
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रतन टाटा ने हवा में बिताए 40 मिनट
आपको जानकर हैरानी होगी कि रतन टाटा ने जिस F-16 ब्लॉक 50 फाइटर जेट उड़ाया था, उसकी कीमत 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी. यह जेट 2,000 किमी/घंटा से ज्यादा की स्पीड तक पहुंच सकता है. इस दौरान रतन टाटा ने हवा में लगभग 40 मिनट बिताए थे और फ्लाइट के बीच में कंट्रोल भी संभाला था.
जब इस जेट की लैंडिंग हो रही थी तब वो थके हुए नजर आ रहे थे, उन्होंने इस उड़ान को लेकर कहा था कि यह बहुत बढ़िया था. गौरतलब है कि F-16 के को-पायलट बनने वाले पहले भारतीय बनने के लगभग एक दशक बाद, टाटा ने भारत में F-16 ब्लॉक 70 का उत्पादन करने के लिए लॉकहीड मार्टिन के साथ एक खास समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
इनमें भी थे माहिर
रतन टाटा फाइटर जेट उड़ाने के अलावा स्कूबा डाइविंग के भी शौकीन थे. वो न ही कभी शराब पीते थे और न ही धूम्रपान की शौकीन थे. वो मुंबई में रहते थे. उन्होंने कभी शादी नहीं की थी, ऐसे में उनके साथ उनके डॉग जर्मन शेफर्ड, टिटो और टैंगो रहते थे. रतन टाटा अपने कुत्तों से बहुत प्यार करते थे.
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