सुनीता विलियम्स ने बनाया स्पेस में वॉक करने का रिकॉर्ड, जानें इस दौरान उन्होंने क्या किया?
Sunita Williams Spacewalk: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के सबसे ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में स्पेसवॉक के समय 60 घंटे और 21 मिनट को पार कर लिया है.

Sunita Williams Spacewalk: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्य लंबे समय से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. उन्होंने हाल ही में स्पेस स्टेशन से बाहर आकर स्पेसवॉक कर सबको चौंका दिया था. अब सुनीता विलियम्स ने एक और रिकॉर्ड बनाया है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने 62 घंटे 6 मिनट तक स्पेसवॉक कर किसी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक सैर करने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
बता दें, सुनीता विलियम्स जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर फंसी हुई हैं. विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर ने 30 जनवरी को स्पेसवॉक की थी. ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि उन्होंने स्पेसवॉक के दौरान क्या-क्या किया. आइए जानते हैं..
सुनीता विलियम्स ने किए ये काम
सुनीता विलियम्य और एस्ट्रोनॉट बिच विल्मोन ने आईएसएस के बाहर जाकर खराब हो चुके रेडियो संचार हार्डवेयर को हटाया तथा नमूने एकत्र किए, जिनसे यह पता चल सके कि परिक्रमा कर रही प्रयोगशाला के बाहरी भाग में सूक्ष्मजीव मौजूद हैं या नहीं. नासा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, स्पेस में यह चहलकदमी पूर्वी तट समय (ईएसटी) के अनुसार सुबह 7:43 बजे शुरू हुई और अपराह्न एक बजकर नौ मिनट पर समाप्त हुई. इस दौरान दोनों एस्ट्रोनॉट्स 5 घंटे 26 मिनट तक अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर रहे.
सुनीता विलियम्स ने बनाया रिकॉर्ड
नासा की ओर दी गई जानकारी के अनुसार, अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के सबसे ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में स्पेसवॉक के समय 60 घंटे और 21 मिनट को पार कर लिया है. उन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा स्पेसवॉक के मामले में व्हिटसन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. नासा के अनुसार विलियम्स द्वारा की गई स्पेसवॉक का कुल समय 62 घंटे और 6 मिनट है, जो नासा की ऑलटाइम सूची में चौथे स्थान पर है.
जून से स्पेस स्टेशन पर फंसे हैं दोनों अंतरिक्ष यात्री
सुनीता विलियम्स और विल्मोर जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर पर सवार होकर आईएसएस के आठ दिवसीय मिशन पर गए थे. हालांकि, तकनीकी खराबी के बाद दोनों वहीं फंस गए. स्टारलाइनर में हीलियम रिसाव और थ्रस्टर की खराबी जैसी तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी नहीं हो सकी है. नासा की योजना मार्च के अंत में बोइंग की प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्पेसएक्स द्वारा निर्मित अंतरिक्ष यान के माध्यम से उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने की है.
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Source: IOCL