क्या रामायण-महाभारत जैसे ग्रंथों पर भी लगता है कॉपीराइट, इस पर क्या कहता है कानून
देश में कॉपीराइट नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए कॉपीराइट अधिनियम 1957 लागू है. यह कानून कला, साहित्य, संगीत, फिल्म जैसे मूल कार्यों के रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा करता है.

फिल्म स्टार रणबीर कपूर अपनी नई फिल्म रामायाण में भगवान राम की भूमिका में नजर आने वाले हैं. मेकर्स ने फिल्म की पहली झलक दिखाई है, जिसमें रणबीर कपूर भगवान राम के गेटअप में काफी आकर्षक नजर आ रहे हैं. हालांकि, रामायण जैसे धर्म ग्रंथ पर बनने वाली यह पहली फिल्म नहीं है. पहले भी कई टीवी सीरियल और फिल्में रामायण पर बन चुकी हैं. इससे पहले प्रभास की आदिपुरुष भी रामायण की थीम पर रिलीज हुई थी, जो बुरी तरह फ्लॉफ गई थी. इसके अलावा एसएस राजामौली भी महाभारत जैसे धर्म ग्रंथ पर फिल्म बनाने की सोच रहे हैं.
ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या रामायण या महाभारत जैसे ग्रथों पर बनने वाली फिल्मों पर भी कॉपीराइट लगता है? इसको लेकर देश में क्या कानून है? चलिए जानते हैं...
धार्मिक विषयों पर बन रहीं फिल्में
दरअसल, यह सवाल इसलिए भी वाजिब है क्योंकि पिछले कुछ सालों में धार्मिक विषयों पर फिल्में बनाने की बाढ़ सी आ गई है. आदिपुरुष, ओह माई गॉड 2, कल्कि, ब्रह्मास्त्र कुछ ऐसी फिल्में हैं, जिन्हें धार्मिक विषयों पर बनाया गया है. इनमें कुछ फिल्में पूरी तरह धर्म ग्रंथों पर आधारित रही हैं तो कुछ फिल्मों में स्क्रिप्ट के अनुसार कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं. जहां तक रामायण की बात है तो इस धर्म ग्रंथ पर कई टीवी सीरियल और फिल्में पहले भी बनाई जा चुकी हैं.
क्या धर्म ग्रंथों पर नहीं लगता कॉपीराइट?
देश में कॉपीराइट नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए कॉपीराइट अधिनियम 1957 लागू है. यह कानून कला, साहित्य, संगीत, फिल्म जैसे मूल कार्यों के रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा करता है. यह कानून कहता है कि किसी भी रचना के मूल रचनाकार की अनुमति के बिना उसके कंटेंट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. हालांकि, सवाल यह है कि क्या रामायण और महाभारत जैसे धर्मग्रंथ भी कॉपीराइट कानून के दायरे में आते हैं? ऐसे ही एक मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2023 में एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था भगवद् गीता, महाभारत या रामायण जैसे धर्मग्रथों पर कॉपीराइट का दावा नहीं किया जा सकता है. हालांकि, इसमें निर्मित कोई भी व्याख्या, रूपांतरण या नाटकीय कार्य कॉपीराइट के दायरे में होंगे और मूल रचनाकार कॉपीराइट संरक्षण का हकदार होगा. इसका मतलब यह है कि धर्मग्रंथों पर फिल्में तो बनाई जा सकती हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी पहले से किया गया रूपांतरण या बदलाव का इस्तेमाल फिल्म में न किया जाए.
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