रमजान के दौरान क्या होते हैं सहरी और इफ्तार? जान लीजिए जवाब
Ramadan 2025 Iftar Sehri Timing: रमजान के महीने में रोजा रखना इस्लाम में मुसलमानों के लिए बताए गए पांच फर्जों में से एक है. हर मुसलमान का फर्ज होता है कि वह इस पाक महीने में रोजा रखे.

Ramadan 2025 Iftar Sehri Timing: रमजान का पाक महीना 1 मार्च से शुरू हो रहा है. आज चांद के दीदार के साथ ही रमजान की शुरुआत हो जाएगी. रमजान में रोजा रखने वाले रोजेदार इस पाक महीने के इंतजाम में जुट गए हैं. आपने रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार के बारे में बहुत सुना होगा. एक रोजेदार के लिए सहरी और इफ्तार का काफी महत्व होता है. क्या आप इसके बारे में जानते हैं? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
पांच फर्ज में से एक है रोजा
रमजान के महीने में रोजा रखना इस्लाम में मुसलमानों के लिए बताए गए पांच फर्जों में से एक है. हर मुसलमान का फर्ज होता है कि वह इस पाक महीने में रोजा रखे और अल्लाह की इबादत करे. इस पाक महीने में मुसलमान हर दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोगों को गरीब व जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. कहा जाता है कि जरूरतमंदों की मदद करने से अल्लाह कई गुना ज्यादा सबाब देता है.
क्या है सहरी?
इस्लाम में एक रोजेदार के लिए रोजे के शुरुआत सहरी से ही होती है. रोजेदार को रात के तीसरे पहले में अजान से पहले उठकर सहरी करनी चाहिए. इस दौरान रोजेदार अपना रोजा शुरू करने से पहले भोजन करता है. यह भोजन उसे दिनभर रोजा रखने की ताकत देता है. इसलिए रमजान के महीने में सहरी का विशेष महत्व होता है. इसके बाद रोजेदार सुबह की नमाज अदा करता है और अपने दिनभर के काम पूरे करता है.
इफ्तार क्या है?
रमजान के महीने में जिस तरह सहरी का महत्व है, उसी तरह इफ्तार का भी काफी महत्व है. पूरे दिन रोजा रखने के बाद मुसलमान को शाम की अजान के बाद अपना रोजा खोलना चाहिए. खाना खाने के तुरंत बाद उसे मगरिब की नमाज अदा करनी चाहिए. आमतौर पर एक मुसलमान खजूर, पानी या फल से अपना रोजा तोड़ते हैं और नमाज अदा करते हैं. इसके बाद वे कुछ भी खा सकते हैं.
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