मसूद अजहर की रिहाई के दौरान अफगानिस्तान क्यों गए थे अजित डोभाल? जान लीजिए वजह
Ajit Doval And Masood Azhar: वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल फिर से सुर्खियों में हैं. अजीत डोभाल और जैश के आका मसूद अजहर की कहानी काफी पुरानी है, जो कि आपको जाननी चाहिए.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश के लोगों में पाकिस्तान से बदला लेने को लेकर खून खौल रहा था. लोगों को इंतजार था कि आखिर कब भारत सरकार आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान से पहलगाम का बदला लेगी. लेकिन बीते मंगलवार की रात यानि 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देते हुए पाकिस्तान के नौ ठिकानों को तबाह करके इस इंतजार को खत्म कर दिया. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और डर के मारे भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संपर्क किया. इस बातचीत की बात खुद डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक इंटरव्यू को दौरान कबूली है.
अजीत डोभाल के नाम से थर-थर कांपता है पाक
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे वक्त से किसी भी मुद्दे पर कोई बात नहीं हो रही है, क्योंकि भारत का सीधा फंडा है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं हो सकती है. इसलिए भारत सरकार ने हर स्तर पर पाकिस्तान को बायकॉट कर रखा है. लेकिन इसी बीच अजीत डोभाल का नाम फिर से चर्चा में है. ये वही अजीत डोभाल हैं, जिन्होंने अंडरकवर रहते हुए पाकिस्तान में सात साल बिताए हैं. कहते हैं कि इस दौरान वे मुस्लिम बनकर इस्लामाबाद में रहकर खुफिया जानकारी जुटाते थे. अजीत डोभाल के नाम से पाकिस्तान थर-थर कांपता है. जैश-ए-मुहम्मद के आका मसूद अजहर और अजीत डोभाल के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा है.
मसूद अजहर और अजीत डोभाल की कहानी
साल 1994 में जब मसूद अजहर को गिरफ्तार किया गया था, उस वक्त अजीत डोभाल इंटेलिजेंस ब्यूरो में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. तब मसूद अजहर से डोभाल ने लंबी पूछताछ की थी. मसूद अजहर के भारत से कंधार तक पहुंचने की कहानी काफी हैरान करने वाली है. आतंक का आका मसूद पुर्तगाली पासपोर्ट के साथ भारत में घुसा था. भारत से उसको छुड़ाने के लिए आतंक के आकाओं ने तीन नाकाम कोशिशें की थीं. फिर आया 24 दिसंबर 1999 का दिन जब आतंकियों ने भारतीय विमान IC-814 को अगवा कर लिया और उसे कंधार ले आए.
मसूद अजहर की रिहाई के वक्त कंधार में क्यों थे अजीत डोभाल
इन आतंकियों ने विमान में मौजूद पैसेंजर्स को रिहा करने के बदले में कुछ आतंकियों की मांग की थी, जिसमें मसूद अजहर का नाम भी शामिल था. तब भारत सरकार विमान के यात्रियों के बदले में मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ने के लिए राजी हुई थी. लेकिन मसूद अजहर की रिहाई से पहले अजीत डोभाल कंधार पहुंचे थे और उस टीम में शामिल थे, जो कि बंधकों को छुड़ाने के लिए तालिबान से बात कर रही थी. बातचीत पूरी होने के बाद ही मसूद अजहर को भारत की जेल से दो और आतंकियों के साथ छोड़ गया था. बीबीसी की मानें तो यह बात आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के अजीत डोभाल मसूद अजहर के दिल्ली से उड़ान भरने से पहले ही कंधार में मौजूद थे.
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Source: IOCL
























