कुत्तों के कारण भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे जूनागढ़ के राजा, मामला जानकर उड़ जाएंगे होश
Independence Day 2025: 1947 में जूनागढ़ के नवाब पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे और उनकी अजीब वजह थी कुत्तों से प्यार. लेकिन फिर बाद में जूनागढ़ भारत का हिस्सा बन गया था.

Independence Day 2025: 1947 में जब भारत को आजादी मिली तो रियासतों के सामने फैसला था कि भारत में शामिल होना है या पाकिस्तान में. अधिकतर राजा-महाराजा ने यह सोचा कि वे अपने इलाके की जनता और भौगोलिक स्थिति के हिसाब से फैसला लें. लेकिन गुजरात की जूनागढ़ रियासत के नवाब का मामला थोड़ा अजीब था. उनको कुत्तों से बेतहाशा प्यार था. उनके बारे में कहा जाता है कि वे कुत्तों के बहुत बड़े शौकीन थे. इतने बड़े कि अपने हर कुत्ते के लिए अलग कमरा, नौकर और यहां तक कि जन्मदिन पार्टी तक रखते थे.
चलिए जानें कि आखिर कुत्तों के कारण भारत में शामिल क्यों नहीं होना चाहते थे, जूनागढ़ के राजा. आखिर क्या मामला था.
नवाब का कुत्तों से प्रेम
कहा जाता है कि जब भारत में शामिल होने की बात चली, तो नवाब साहब ने कहा कि उन्हें भारत की तरफ से ज्यादा अपनापन महसूस नहीं होता, लेकिन पाकिस्तान से एक खास रिश्ता है. लेकिन क्यों? जूनागढ़ के राजा का ऐसा मानना था कि पाकिस्तान बनने के बाद वहां उनके कुत्तों के लिए बेहतर माहौल और ज्यादा इज्जत मिलने की उम्मीद थी.
आखिर क्यों भारत में शामिल नहीं होना चाह रहे थे नवाब
दरअसल हुआ यह था कि जूनागढ़ के राजा भारत में शामिल होने से मना कर रहे थे. मुस्लिम लीग के किसी शख्स ने जूनागढ़ के शासक को समझा दिया था कि अगर वे भारत में शामिल होंगे तो स्वतंत्र भारत में सबसे पहला काम यह किया जाएगा कि उनके कुत्तों को जहर दे दिया जाएगा. तब उन्होंने यह फैसला किया था कि या तो वे स्वतंत्र रहेंगे या फिर पाकिस्तान में शामिल हो जाएंगे, इस बात के बावजूद कि उनकी हिंदू जनसंख्या वाली छोटी सी रियासत की कोई सीमा पाकिस्तान के मुस्लिम राज्य से नहीं मिलती थी.
भारत सरकार ने जूनागढ़ को बनाया हिस्सा
खैर, भारत सरकार इस बहाने को गंभीरता से लेने वाली नहीं थी. जनता भी जूनागढ़ के पाकिस्तान में शामिल होने के खिलाफ थी. आखिरकार, सेना ने जूनागढ़ में प्रवेश किया और जनमत संग्रह के बाद जूनागढ़ भारत का हिस्सा बन गया.
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Source: IOCL























