पाकिस्तान में ट्रेन की छतों पर सफर क्यों आम है, लेकिन भारत में नहीं? जानिए वजह!
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के वक्त पाकिस्तान में लोग ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं, लेकिन भारतीय ट्रेनों की छत पर क्यों नहीं चढ़ते हैं.

भारत में भारतीय रेलवे को लाइफ लाइन कहा जाता है. क्योंकि रेलवे के जरिए करोड़ों यात्री हर दिन सफर करते हैं. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी पाकिस्तान में कई बार भीड़ बढ़ने पर यात्री ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता है.
भारतीय रेलवे
भारतीय रेलवे के जरिए आज के वक्त आप देश के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकते हैं. रेलवे लगातार अपना विस्तार कर रहा है. जानकारी के मुताबिक रेलवे एक दिन में करीब 13 हजार ट्रेनों का संचालन करता है. इन ट्रेनों के जरिए हर लाखों यात्री एक जगह से दूसरी जगह तक की दूरी पूरी करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक एक साल में करोड़ों यात्री रेलवे के जरिए अपना सफर पूरा करते हैं.
इलेक्ट्रिक रेलवे
बता दें कि भारत में आज हर जगह इलेक्ट्रिक रेलवे रूट पहुंच चुका है. हालांकि भारत में रेलवे अभी भी पूरी तरीके से इलेक्ट्रिक रूट पर निर्भर नहीं है. अगर वहीं दुनियाभर के देशों की बात करेंगे, तो दुनिया में केवल तीन देशों में 100% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन है. आसान भाषा में इन देशों में ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हैं. इनमें स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और मोनाको शामिल हैं. हालांकि इन देशों का रेल नेटवर्क बहुत छोटा है.
पाकिस्तान में रेलवे
आपने कई बार फोटोज में देखा होगा कि पाकिस्तान में यात्री कई बार ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं. दरअसल पाकिस्तान में हर जगर इलेक्ट्रिक रेलवे रूट नहीं मौजूद है. जिस कारण यात्री भीड़ होने के कारण ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं. लेकिन भारत में अब हर जगह इलेक्ट्रिक रूट होने के कारण यात्री ट्रेन की छत पर नहीं चढ़ पाते हैं. जानकारी के मुताबिक भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में सिर्फ चार फीसदी इलेक्ट्रिक रेलवे रूट है.
भारत में रेलवे रूट
बता दें कि भारत में रेलवे लाइनों की लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है. इसमें रनिंग ट्रैक की लंबाई 99,235 किलोमीटर है. वहीं, यार्ड और साइडिंग जैसी चीज़ें मिलाकर कुल मार्ग 1,26,366 किलोमीटर है. वहीं भारत में रेलवे को भारत की लाइफ़लाइन कहा जाता है. बता दें कि भारत में रेलवे स्टेशनों की संख्या 8,800 से ज़्यादा है. वहीं सिर्फ उत्तर-प्रदेश में रेल नेटवर्क की लंबाई 9,077.45 किलोमीटर है.
इन देशों में इलेक्ट्रिक रेलवे मौजदू
वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन में भारत के बाद बेल्जियम (82%), साउथ कोरिया (78%), नीदरलैंड (76%), जापान (75%), ऑस्ट्रिया (75%), स्वीडन (75%), नॉर्वे (68%), स्पेन (68%) और चीन (67%) का नंबर है.
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Source: IOCL





















