TRP Measurement: कैसे तय होती है किसी शो की टीआरपी, कैसे पता चलता है कितने लोग देख रहे शो?
TRP Measurement: किसी भी शो की पापुलैरिटी को जानने के लिए उसकी टीआरपी के बारे में पता किया जाता है. आइए जानते हैं कि कैसे और कौन करता है यह टीआरपी तय.

TRP Measurement: मनोरंजन जगत में हर हफ्ते का अंत या तो हिट शोज का जश्न मनाने से होता है या फिर लोकप्रियता कम होने पर सवाल उठाने से और इन सब चीजों को तय करती है टीआरपी. टीआरपी का मतलब होता है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स. टीआरपी से हमें पता लगता है कि कितने लोग किसी खास टीवी शो को देख रहे हैं और वह वास्तव में कितना लोकप्रिय है. लेकिन भारत जैसे देश में इस संख्या की गणना कैसे की जाती है? आइए जानते हैं क्या है इस सवाल का जवाब.
टीआरपी को मापने में बीएआरसी की भूमिका
भारत में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल जिसे बीएआरसी भी कहा जाता है, टीआरपी रेटिंग्स की गणना और जारी करने वाली आधिकारिक एजेंसी है. बीएआरसी देश के हर टीवी सेट पर नजर नहीं रखता, बल्कि यह सैंपल हाउस का चयन करता है जो पूरी आबादी की देखने की आदतों को दर्शाते हैं. इन घरों को क्षेत्र, आय, भाषा, आयु वर्ग और शहरी ग्रामीण विविधता के आधार पर चुना जाता है. इसके बाद उनके दर्शक संख्या डाटा का इस्तेमाल लाखों लोगों के टीवी देखने के व्यवहार का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है.
सैंपल हाउस में पीपल मीटर का इस्तेमाल
सैंपल हाउस का चयन हो जाने के बाद उनके टेलीविजन सेट के पास पीपल मीटर या फिर बीएआर-ओ मीटर नाम का एक उपकरण लगाया जाता है. यह उपकरण रिकॉर्ड करता है कि क्या देखा जा रहा है और साथ ही कब और कितनी देर तक देखा जा रहा है. घर का हर सदस्य एक बटन को दबाकर अपनी पहचान भी बताता है ताकि सिस्टम यह रिकॉर्ड कर पाए कि कौन देख रहा है. डाटा मिनट दर मिनट इकट्ठा किया जाता है जिसे देखने के पैटर्न की एक डीटेल्ड जानकारी मिल सके.
एक आधुनिक तकनीक
आजकल बीएआरसी सटीकता में और भी सुधार लाने के लिए ऑडियो वॉटर मार्किंग का भी इस्तेमाल करता है. दरअसल इस तकनीक में ब्रॉडकास्टर अपने प्रसारण में एक इनऑडिबल ऑडियो कोड एम्बेड करते हैं. पीपल मीटर इन कोड का पता लगता है और देखे जा रहे चैनल की पहचान करता है.
टीआरपी का गणित
आमतौर पर टीआरपी की गणना प्रतिशत के रूप में की जाती है. लेकिन इसे पॉइंट्स के रूप में ही प्रस्तुत किया जाता है. टीआरपी को मापने के लिए एक फार्मूले का इस्तेमाल किया जाता है. यह फार्मूला है ( लक्षित दर्शकों के बीच किसी कार्यक्रम पर बिताया गया समय या इंप्रेशन÷कुल लक्षित दर्शक ) × 100. उदाहरण के लिए अगर एक लक्षित समूह के 100 में से 10 लोग एक निश्चित समय पर एक शो को देख रहे हैं तो उसे शो के टीआरपी 10% या 10 पॉइंट होगी.
रॉ डाटा से लेकर राष्ट्रीय टीआरपी रैंकिंग तक
इन घरों से इकट्ठा की गई देखने की जानकारी हर दिन बीएआरसी के सर्वर पर ट्रांसफर की जाती है. इसके बाद बीएआरसी पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस डाटा का विस्तार करता है. इसके बाद बीएआरसी हर गुरुवार को आधिकारिक टीआरपी रेटिंग जारी करता है. यह रेटिंग तय करती है कि कौन से शो बढ़ेंगे, कौन से घटेंगे और कभी-कभी कौन से बंद होंगे.
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Source: IOCL























