भारत में कितना आसान है वोटर कार्ड बनवाना? जानें कितना है फर्जी वोटर्स का आंकड़ा
How Easy To Make Voter Card In India: बिहार में इस साल चुनाव होने को है, ऐसे में उसके पहले वोटर लिस्ट का रिवीजन किया जा रहा है. चलिए जानें कि देश में वोटर कार्ड बनवाना कितना आसान है.

लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की कल्पना तब तक नहीं की जा सकती है, जब तक वोटर लिस्ट विश्वसनीय न हो. इसीलिए तो चुनाव आयोग बिहार में अब मतदाता सूची का व्यापक पुनरीक्षण करवा रहा है. अब बिहार में चुनाव से पहले वोटिंग लिस्ट में तमाम अनियमितताएं देखने को मिली हैं. इस राज्य में करीब 8 करोड़ मतदाता है, ऐसे में वोटिंग लिस्ट में नाम में गड़बड़ी, मृतकों के नाम या फिर अपात्र व्यक्तियों के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं. ये सभी चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा बिहार में बड़ी संख्या में फर्जी वोटर्स भी हैं, जिनका नाम वोटिंग लिस्ट में शामिल है. इन सबके बीच आइए जान लेते हैं कि देश में वोटर कार्ड बनवाना कितना है और यहां कितने फर्जी वोटर्स हैं.
कौन बनवा सकता है वोटर कार्ड
देश में मतदान करने की उम्र 18 साल है. ऐसे में जो भी शख्स स्थाई तौर पर भारत का नागरिक है, वो इसके लिए आसानी से आवेदन कर सकता है. वोटर कार्ड अप्लाई करने के लिए बस कुछ कागजात चाहिए, बस इसके बाद आपका आवेदन हो जाएगा. वोटर कार्ड के लिए दो पासपोर्ट साइज की फोटो, एड्रेस प्रूफ के लिए बिजली का बिल, गैस का बिल, पानी का बिल, टेलीफोन बिल, बैंक पासबुक या फिर रेंट एग्रीमेंट में से कोई भी एक दस्तावेज दे सकते हैं. आईडी प्रूफ के लिए आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, पासपोर्ट या फिर राशन कार्ड में से कुछ भी एक लगा सकते हैं. जन्म प्रमाण के लिए 10वीं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट की कॉपी लगा सकते हैं. इसके अलावा आप सरकारी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी वोटर कार्ड बनवा सकते हैं. ऐसे में भारत में वोटर कार्ड बनवाना कठिन काम नहीं है.
फर्जी वोटर्स का आंकड़ा
सिर्फ बिहार की बात करें तो यहां पर कुछ एरिया ऐसे हैं, जहां पर आधार कार्ड धारकों की संख्या आबादी से ज्यादा है. ऐसे में तय है कि वोटिंग लिस्ट में फर्जी वोटर्स भी होंगे. चुनाव आयोग को मिली शिकायतों की मानें तो कोर्ट में दाखिल की गईं याचिकाओं में ऐसा दावा किया गया है कि बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 8000 से 10,000 फर्जी, डुप्लीकेट या फिर मृत लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हैं. इसी तरह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और देश के तमाम राज्यों में फर्जी मतदाताओं की संख्या भरी पड़ी है.
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