Gandhi Jayanti 2025: मौत से पहले गांधी जी ने जिन्ना से मांगी थी यह चीज, पाकिस्तानी गवर्नर-जनरल ने तुरंत भर दी थी हामी
Gandhi jayanti 2025: महात्मा गांधी ने अपनी हत्या से पहले जिन्ना से कुछ मांग की थी और उनसे शांति की अपील की अनुमति मांगी थी. दुर्भाग्यवश उनकी हत्या ने इस ऐतिहासिक यात्रा को कभी पूरा नहीं होने दिया.

Gandhi Jayanti 2025: इस बार 2 अक्टूबर गांधीजी की 156वीं जयंती मनाई जाएगी. महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभआई थी. गांधीजी की सादगी ने दुनिया को प्रेरित किया था. महात्मा गांधी की मृत्यु से कुछ दिन पहले उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना से कुछ मांग की थी, जो कि दुर्भाग्यवश उनकी हत्या के कारण कभी पूरी नहीं हो सकी. चलिए जानें कि उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना से क्या मांगा था.
जिन्ना से क्या मांगा था?
गांधी जी फरवरी 1948 में पाकिस्तान दौरे पर जाना चाहते थे, जो दुर्भाग्यवश उनकी हत्या के कारण कभी पूरी नहीं हो सकी. ऐतिहासिक दस्तावेजों और घटनाओं के अनुसार, गांधी जी ने पाकिस्तान जाने का इरादा इसलिए बनाया था ताकि वे वहां फैली हिंसा और अल्पसंख्यकों के पलायन को रोक सकें और शांति का संदेश दे सकें.
शांति और समझौता था मकसद
विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ गई थी. पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और भारत में रहने वाले मुस्लिम अल्पसंख्यक अपनी जान और संपत्ति की चिंता में थे. गांधी जी ने पाकिस्तान की सरकार से शांति स्थापित करने की मांग की थी और इसके लिए पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल मोहम्मद अली जिन्ना से सीधे संपर्क किया. उनका उद्देश्य केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि वह मानवता और भाईचारे की भावना के लिए वहां शांति की अपील करना चाहते थे.
भारत में छवि सुधारने की कोशिश
गांधी जी पर यह आरोप लग रहे थे कि वे भारत में मुस्लिमों का पक्ष ले रहे हैं. ऐसी अफवाहों और आरोपों के बीच गांधी जी ने पाकिस्तान जाकर खुद अपनी बात रखने का निर्णय लिया था. उनका मानना था कि संवाद और समझौते के जरिए ही दोनों देशों में विश्वास और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सकता है.
संपत्ति के बंटवारे का विरोध
विभाजन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद भी चल रहा था. भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को उसकी हिस्सेदारी 55 करोड़ रुपये देने में देरी हुई थी. गांधी जी ने इसके विरोध में अनशन किया था और इसे सुलझाने के लिए पाकिस्तान दौरे की योजना बनाई थी. वे चाहते थे कि दोनों देशों के बीच न्यायपूर्ण समझौता हो और लोग आपसी शांति के साथ रहें.
क्यों नहीं हो पाई यात्रा?
गांधी जी की पाकिस्तान यात्रा का कार्यक्रम तय था और जिन्ना ने इसके लिए तुरंत हामी भी भर दी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या ने इस यात्रा और शांति मिशन को रोक दिया. गांधी जी के निधन के बाद, 4 फरवरी 1948 को पाकिस्तान की संसद में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने महात्मा गांधी को अपने समय का सबसे महान नेता बताया था.
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Source: IOCL
























