Election Commission: क्या वोटर्स को तोहफे देना आचार संहिता के दायरे में नहीं आता, चुनाव आयोग कैसे लेता है ऐसे मामलों में एक्शन?
देश में चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. चुनाव के दौरान अक्सर राजनीतिक पार्टियां अपने वोटर्स को लुभाने के लिए उन्हें उपहार देती हैं.जानिए आचार संहिता के दौरान उपहार देने को लेकर क्या नियम हैं.
भारत में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जहां एक तरफ सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में हैं. वहीं चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर चुका है. लेकिन अक्सर राजनीतिक पार्टियां अपने वोटर्स को लुभाने के लिए उन्हें गिफ्ट देती है. आज हम आपको बताएंगे कि आचार संहिता के दौरान कोई राजनीतिक पार्टी अपने वोटर्स को गिफ्ट दे सकती है या नहीं.
आचार संहिता
बता दें कि चुनाव के दौरान आचार संहिता के नियम सिर्फ राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर ही लागू नहीं होते हैं. ये केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों जैसे डीडीए, जल बोर्ड आदी पर भी लागू होती है. इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है.
बता दें कि आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी भी आयोजन में नहीं किया जा सकता है. सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है.सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं. वहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध होगा.
चुनावी उपहार
चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टी अक्सर वोटर्स को लुभाने के लिए गिफ्ट देने की कोशिश करते हैं. लेकिन बता दें कि आचार संहिता के नियमों के मुताबिक कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी वोटर्स को महंगे गिफ्ट या उपहार नहीं दे सकते हैं. इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से गठित अलग-अलग टीम सभी राजनीतिक पार्टियों पर नजर रखती है. जांच के दौरान चुनावी गिफ्ट मिलने पर जब्त भी किया जा सकता है और पार्टी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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