डिजिटल अरेस्ट के दौरान कॉल क्यों नहीं काट पाते लोग, ऐसा क्या होता है उनके साथ?
ठग उनसे कहता है कि हम आपको वीडियो कॉल कर रहे हैं और आप तब तक हमारे अधिकारियों के सामने बैठे रहेंगे जब तक कि हमारी टीम आकर आपसे पूछताछ ना कर ले.
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी के साथ 1.73 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ है. ठगों ने लगभग 4 दिनों तक बैंक कर्मचारी डिजिटल अरेस्ट रखा. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लोग डिजिटल अरेस्ट कैसे हो जाते हैं और क्यों ठगों का फोन काट नहीं पाते. चलिए आपको इस आर्टिकल में इसके पीछे की वजह बताते हैं.
क्या है डिजिटल अरेस्ट
पहले समझिए डिजिटल अरेस्ट होता क्या है. दरअसल, यह एक नए तरह का फ्रॉड, जिसमें पीड़ित व्यक्ति से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया जाता है और उसे धमकाकर या लालच देकर घंटों या फिर दिनों तक कैमरे के सामने बैठे रहने को कहा जाता है. सीधा-साधा व्यक्ति इस तरह की बातों में आ जाता है और डिजिटल अरेस्ट हो जाता है. इस दौरान ठग व्यक्ति से कई तरह की पर्सनल जानकारियां निकालते हैं और इसके जरिए उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं.
क्यों नहीं काट पाते फोन
अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब ठग पीड़ित व्यक्ति से फ्रॉड कर रहे होते हैं तो व्यक्ति उनका फोन क्यों नहीं काटता. इसके अलावा सवाल ये भी उठता है कि कोई व्यक्ति कई दिनों तक कैसे डिजिटल अरेस्ट रह सकता है. दरअसल, ठगों का जाल ऐसा होता है कि व्यक्ति डर जाता है. इसे ऐसे समझिए कि जब ठग किसी व्यक्ति को फोन करते हैं तो वह उस व्यक्ति से कहते हैं कि मैं फलां पुलिस स्टेशन या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बोल रहा हूं और आपके नाम पर एक फ्रॉड चल रहा है.
इसके बाद ठग उनसे कहता है कि हम आपको वीडियो कॉल कर रहे हैं और आप तब तक हमारे अधिकारियों के सामने बैठे रहेंगे जब तक कि हमारी टीम आकर आपसे पूछताछ ना कर ले. ठग पीड़ित व्यक्ति को धमकाते हैं कि अगर आपने फोन काटा तो ये कानून का उल्लंघन माना जाएगा और आप इसके लिए गिरफ्तार हो जाएंगे.
सब कुछ सच लगता है
सबसे बड़ी बात कि वीडियो कॉल के दौरान व्यक्ति को ऐसा दिखाया जाता है जैसे उसे सच में किसी पुलिस स्टेशन से ही फोन आया है. इसके अलावा व्यक्ति को लगता है कि अगर उसने कुछ किया नहीं है और सामने से कोई अधिकारी उसे सिर्फ कैमरे के सामने रहने को कह रहा है तो क्या दिक्कत है. इसके अलावा कुछ लोग पुलिस के डर से भी कैमरे के सामने से नहीं हटते. यही वजह है कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार बन जाते हैं. हाल फिलहाल में भारत में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. खासतौर से बड़े शहरों में पढ़े लिखे लोग इसके शिकार हुए हैं और ठगों ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर उनके खाते से लाखों रुपये उड़ा दिए.
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