दिल्ली-NCR में बार-बार आ रही तूफानी आंधी तबाही का संकेत तो नहीं? जानें इसके पीछे की वजह
दिल्ली-एनसीआर का मौसम इन दिनों वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बना हुआ है. मई-जून के महीने में जब लू चलनी चाहिए, आंधी-तूफान और तेज बारिश मौसम के मंसूबों पर पानी फेर देते हैं.

Delhi Weather: दिल्ली-एनसीआर का मौसम इस वक्त मौसम वैज्ञानिकों के लिए एक अबूझ पहेली बना हुआ है. मई-जून का महीना, जब भीषण गर्मी होनी चाहिए, राजधानी दिल्ली और इसके आसपास का मौसम एक अलग ही तेवर दिखा रहा है. जैसे ही मौसम गर्म होना शुरू होता है, अचानक आंधी-तूफान और बारिश सूरज के इरादों पर पानी फेर देते हैं. इस बार का मौसम को देखें तो बीते एक महीने से यही हाल है, जब लू चलनी चाहिए तो आंधी-तूफान आ रहे हैं. कभी-कभी तो तूफानी हवाओं की रफ्तार 60 से 80KMPH तक पहुंच जाती है.
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने बहुत अरसे बाद इस तरह का मौसम देखा है. यहां बीच-बीच में चलने वाली तूफानी हवाएं तो इतनी तेज हो रही हैं कि कोई भी डर जाए. यह बदला हुआ मौसम आम लोगों से लेकर मौसम वैज्ञानिकों तक के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. कुछ लोग इसे ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ रहे हैं तो कुछ इसे भविष्य में आने वाली तबाही का संकेत मान रहे हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि मौसम में इस बदलाव का कारण क्या है?
आने वाली है तबाही या कुछ और
मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में बार-बार बदल रहे मौसम का कारण पश्चिम विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली पर इन दिनों एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहे हैं, जिस कारण यहां बार-बार बारिश देखने को मिल रही है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नम हवाएं भी मौसम में अस्थिरता पैदा कर रही हैं, जिसकी वजह से बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर के पास पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है, यहां चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है. इसके अलावा उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के पास भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर है. ऐसा ही पश्चिम राजस्थान में भी है. यही कारण है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और बार-बार बारिश भी हो रही है.
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Source: IOCL
























