एक्सप्लोरर

जब EVM में नहीं हो सकती है कोई गड़बड़ी तो क्यों लाया गया था VVPAT सिस्टम? ये है जवाब

यह बात हम सभी जानते हैं कि चुनावों में ईवीएम का प्रयोग हमेशा से नहीं होता था. पहले बैलेट पेपर के जरिए वोट पड़ते थे. जब ईवीएम मशीनें अस्तित्व में आईं तो इस पर सवाल खड़े होने लगे.

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी (बुधवार) को वोट डाले जाएंगे. इन चुनावों में भी अन्य राज्यों की तरह ईवीएम (EVM) का प्रयोग मतदान के लिए किया जाएगा. चुनावों में ईवीएम के प्रयोग पर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष ईवीएम से मतदान के खिलाफ है. हालांकि, चुनाव आयोग इन वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट(VVPAT) सिस्टम भी लगाता है, जिससे यह पता चल सके कि ईवीएम में जो बटन दबाया गया है, उसी प्रत्याशी को वोट पड़ा है या नहीं. 

अब सवाल यह है कि जब ईवीएम मशीनों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकती, तो वीवीपैट सिस्टम क्यों लाया गया था? यह किसी तरह काम करता है? सबसे पहले वीवीपैट सिस्टम कहां लागू किया गया था? आज हम इसके बारे में जानेंगे. 

क्या है वीवीपैट (What is VVPAT)

वोटर वेरीफेएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (VVPAT). यह सिस्टम एक तरह से वोटर्स की संतुष्टि और चुनाव के बाद किसी तरह के विवाद से बचने के लिए होता है. ईवीएम में वोट डालने के बाद वीवीपैट मशीन पर एक कागज की पर्ची दिखाई देती है. इसमें उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है, जिसे वोट दिया गया है. यह पर्ची 7 सेकेंड के लिए दिखाई देती है और फिर मशीन के नीचे लगे कंपार्टमेंट में गिर जाती है. इस पर्ची को वोटर्स अपने घर नहीं ले जा सकते. 

क्यों पड़ी इसकी जरूरत

यह बात हम सभी जानते हैं कि चुनावों में ईवीएम का प्रयोग हमेशा से नहीं होता था. पहले बैलेट पेपर के जरिए वोट पड़ते थे. जब ईवीएम मशीनें अस्तित्व में आईं तो इस पर सवाल खड़े होने लगे कि ईवीएम से वोटों की गड़बड़ी की जा सकती है. ऐसे में वीवीपैट मशीनों को लाया गया, जिससे विवाद की स्थिति में ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान वीवीपैट से हो सके. 

कहां हुआ था सबसे पहले प्रयोग

वीवीपैट सिस्टम को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड एंड इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा 2013 में डिजाइन किया गया था. सबसे पहले इनका इस्तेमाल 2013 में नागालैंड के चुनाव में हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सभी ईवीएम मशीनों में इस तरह का सिस्टम लगाने का आदेश दिया. चुनाव आयोग ने 2014 में तय किया कि अगले चुनाव यानी 2019 के चुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल होगा. चुनाव आयोग ने इसके लिए केंद्र सरकार से 3174 करोड़ रुपये की मांग की थी. 

यह भी पढ़ें: बिना वोटर कार्ड के भी वोट डाल सकते हैं आप, बस जेब में रख लें ये जरूरी डॉक्यूमेंट

और देखें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पाकिस्तान को बेनकाब करने जाएंगे ये 59 चेहरे, ओवैसी, आजाद, खुर्शीद समेत 10 मुस्लिम नेता खोलेंगे पोल
पाकिस्तान को बेनकाब करने जाएंगे ये 59 चेहरे, ओवैसी, आजाद, खुर्शीद समेत 10 मुस्लिम नेता खोलेंगे पोल
परेश रावल ने क्यों छोड़ी Hera Pheri 3? सामने आई 'असल' वजह, बोले- 'वो गले का फंदा है, मुक्ति चाहिए'
परेश रावल ने क्यों छोड़ी हेरा फेरी 3? सामने आई 'असल' वजह, बोले- 'वो गले का फंदा है, मुक्ति चाहिए'
हल्दी और दालचीनी का पानी पीने से दूर होंगी ये 5 परेशानियां, जानिए पीने का सही तरीका
हल्दी और दालचीनी का पानी पीने से दूर होंगी ये 5 परेशानियां, जानिए पीने का सही तरीका
ये हैं दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाएं, कौन है समंदर का असली बादशाह?
ये हैं दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाएं, कौन है समंदर का असली बादशाह?
Advertisement

वीडियोज

Operation Sindoor : PoK में तबाही...सबसे बड़ी गवाही । News@10Operation Sindoor: ISI की 'D कंपनी' का 'हनी-मनी ट्रैप' । Janhit । Chitra Tripathiअगर Fighter Jets नहीं गिरे तो बताने में क्या दिक्कत ? । Sandeep ChaudharyJyoti Malhotra Case: जिन्नालैंड की जासूस कंपनी में कौन-कौन?  Pak Spy | Espionage | ATS India
Advertisement
Advertisement

फोटो गैलरी

Fri May 23, 1:15 am
नई दिल्ली
28.4°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 58%   हवा: ESE 15.2 km/h

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पाकिस्तान को बेनकाब करने जाएंगे ये 59 चेहरे, ओवैसी, आजाद, खुर्शीद समेत 10 मुस्लिम नेता खोलेंगे पोल
पाकिस्तान को बेनकाब करने जाएंगे ये 59 चेहरे, ओवैसी, आजाद, खुर्शीद समेत 10 मुस्लिम नेता खोलेंगे पोल
परेश रावल ने क्यों छोड़ी Hera Pheri 3? सामने आई 'असल' वजह, बोले- 'वो गले का फंदा है, मुक्ति चाहिए'
परेश रावल ने क्यों छोड़ी हेरा फेरी 3? सामने आई 'असल' वजह, बोले- 'वो गले का फंदा है, मुक्ति चाहिए'
हल्दी और दालचीनी का पानी पीने से दूर होंगी ये 5 परेशानियां, जानिए पीने का सही तरीका
हल्दी और दालचीनी का पानी पीने से दूर होंगी ये 5 परेशानियां, जानिए पीने का सही तरीका
ये हैं दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाएं, कौन है समंदर का असली बादशाह?
ये हैं दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाएं, कौन है समंदर का असली बादशाह?
कमल में छिपा था कपल और फिर लग गई आग...शादी में इवेंट के दौरान मची भगदड़, डरा देगा वीडियो
कमल में छिपा था कपल और फिर लग गई आग...शादी में इवेंट के दौरान मची भगदड़, डरा देगा वीडियो
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
राफेल की दहाड़ से खौफ में पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
राफेल की दहाड़ से खौफ में PAK! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
Embed widget