एक लीटर फ्यूल में कितनी दूर जाते हैं ट्रेन, प्लेन और हेलिकॉप्टर, जानें किसका माइलेज सबसे ज्यादा?
आमतौर पर 12 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 6 लीटर डीजल खर्च करती है. वहीं 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन को 1 किलोमीटर चलने में करीब 4.5 डीजल लगता है.

जब भी हम कोई बाइक या कार खरीदने की सोचते हैं तो उसके फीचर्स के साथ-साथ सबसे पहले उसका माइलेज भी देखते हैं. इसका मतलब है कि एक लीटर पेट्रोल या डीजल में गाड़ी कितनी दूर तक चलेगी. आमतौर पर गाड़ी से ट्रैवल करने का खर्च सीधे तौर पर फ्यूल पर ही निर्भर करता है. यही वजह है कि पेट्रोल या डीजल के दाम बढ़ते ही ट्रांसपोर्ट का किराया भी बढ़ जाता है. ऐसे में कई बार सवाल यह भी उठते हैं कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियों की तरह आसमान में उड़ने वाले प्लेन और ट्रेन जैसे बड़े वाहन एक लीटर फ्यूल में कितनी दूरी तय करते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं की ट्रेन, प्लेन और हेलीकॉप्टर एक लीटर फ्यूल में कितनी दूर जाते हैं और इनमें सबसे ज्यादा माइलेज किसका होता है.
1 लीटर फ्यूल में कितनी दूरी तय करता है प्लेन?
अगर प्लेन की बात करें तो बोइंग 747 की औसत स्पीड करीब 900 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. वहीं इस प्लेन में लगभग 500 यात्री सफर कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार बोइंग प्लेन प्रति सेकंड लगभग चार लीटर फ्यूल की खपत करता है, जिसका मतलब है कि 1 मिनट में यह करीब 240 लीटर फ्यूल खर्च कर देता है. इस हिसाब से देखा जाए तो एक बोइंग 747 एक लीटर फ्यूल में करीब 0.8 किलोमीटर की दूरी करता है.जबकि 1 घंटे में यह प्लेन लगभग 14,400 लीटर फ्यूल खर्च कर देता है.
1 लीटर फ्यूल में कितनी दूरी तय करती है ट्रेन?
आमतौर पर 12 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 6 लीटर डीजल खर्च करती है. वहीं 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन को 1 किलोमीटर चलने में करीब 4.5 डीजल लगता है. अगर 1 लीटर डीजल डाला जाए तो पैसेंजर ट्रेन 0.16 किलोमीटर यानी लगभग 160 मीटर और एक्सप्रेस ट्रेन करीब 0.2 किलोमीटर यानी 200 मीटर चल पाती है. वहीं अगर सुपरफास्ट ट्रेनों की बात करें तो वह 1 लीटर डीजल में करीब 230 मीटर तक का सफर तय करती हैं. दरअसल जैसे कार का माइलेज अलग-अलग मॉडल के हिसाब से बदलता है, वैसे ही हर ट्रेन का माइलेज भी अलग-अलग होता है. यह इस बात पर निर्भर करता है की ट्रेन में कितने डिब्बे है, उसकी स्पीड कितनी है और उसे कितना लोड खींचता है. ऐसे में पैसेंजर ट्रेनों के ज्यादा स्टॉप होने की वजह से उनका माइलेज कम होता है. जबकि सुपरफास्ट ट्रेनों का माइलेज ज्यादा होता है क्योंकि वह कम जगह रुकती है और लगातार तेज स्पीड से चलती है.
कितना होता है हेलीकॉप्टर का माइलेज?
हेलीकॉप्टर में पेट्रोल या डीजल नहीं बल्कि खास तरह का ईंधन डाला जाता है, जिसे एविएशन टरबाइन फ्यूल या एविएशन केरोसिन कहा जाता है. यह फ्यूल पेट्रोलियम से निकला एक डिस्टिलेट लिक्विड होता है. भारत में एविएशन टरबाइन फ्यूल की कीमत लगभग 1,05,000 से 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होती है. जिसका मतलब है कि 1 लीटर फ्यूल की कीमत लगभग 105 से 120 रुपये तक होती है. वहीं आमतौर पर एक हेलीकॉप्टर एक घंटे में 50 से 60 लीटर ईंधन के खर्च करता है. इस हिसाब से 1 लीटर फ्यूल में हेलीकॉप्टर तीन से चार किलोमीटर तक उड़ सकता है.
कौन देता है सबसे अच्छा माइलेज?
कार या बाइक की तरह प्लेन और ट्रेन का माइलेज बहुत कम होता है. जहां एक बोइंग 747 प्लेन एक किलोमीटर उड़ान के लिए लगभग 12 लीटर फ्यूल खर्च करता है, वहीं ट्रेनें 0.16 से 0.2 किलोमीटर तक ही 1 लीटर फ्यूल में चल पाती है. ऐसे में हेलीकॉप्टर का माइलेज इन दोनों से बेहतर होता है. क्योंकि यह एक लीटर फ्यूल में तीन से चार किलोमीटर उड़ सकता है.
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