इस देश के थे आपके पूर्वज तो तुरंत मिल जाएगी नागरिकता, जानें इसे साबित करने का तरीका
पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत ऐसे लोगों को नागरिकता दी जा रही है जिनकी जड़ें कभी अफ्रीकी गुलामी के दौर से जुड़ी रही है.

अगर आपके पूर्वज कभी अफ्रीका से जबरन पकड़कर अमेरिका या यूरोप ले जाए गए थे तो अब आपके लिए एक बड़ी खबर है. दरअसल, पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन ने एक पहल की है, जिसके तहत ऐसे लोगों को नागरिकता दी जा रही है, जिनकी जड़ें कभी अफ्रीकी गुलामी के दौर से जुड़ी रही हैं. इस योजना का नाम मायो अफ्रो ओरिजिन्स है. इसका मतलब है कि मेरा अफ्रीकी मूल. बेनिन सरकार का कहना है कि यह कदम न सिर्फ ऐतिहासिक न्याय की दिशा में है, बल्कि इसका उद्देश्य अपनी संस्कृति, इतिहास और विरासत से दुनिया भर के लोगों को फिर से जोड़ना भी है.
क्या है बेनिन की नई योजना?
बेनिन देश ने कानून बनाकर उन लोगों का नागरिकता देना शुरू किया है, जिनके पूर्वजों को सदियों पहले गुलामी के व्यापार के दौरान अफ्रीका से पकड़ कर ले जाया गया था. बेनिन की सरकार का मकसद है कि ऐसे परिवारों को उनके मूल देश से दोबारा जोड़ा जाए और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर दिया जाए. इसी योजना के तहत इस साल जुलाई में अमेरिकी सिंगर लॉरेन हिल और सियेरा को बेनिन की नागरिकता दी गई. वहीं फिल्मकार स्पाइक ली और उनकी पत्नी टोन्य लुईस ली को अमेरिका में बेनिन के अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय का राजदूत नियुक्त किया गया.
क्या थी गुलामी की कहानी?
दरअसल 16वीं से 19वीं सदी के बीच अफ्रीका के पश्चिमी हिस्सों से एक करोड़ से ज्यादा लोगों को जबरन पकड़कर अमेरिका और यूरोप भेजा गया था. इन्हें जहाज में भरकर अटलांटिक महासागर पार करवाया जाता था. इसी पूरी प्रक्रिया को मिडल पैसेज कहा गया. वहीं बेनिन का विडा बंदरगाह इस समय गुलामी के व्यापार का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था. यहां से लाखों अफ्रीकी लोगों को बेड़ियों में बांधकर जहाजों में ठूंसा जाता था और अमेरिकी महाद्वीप भेजा जाता था. इतिहासकारों के अनुसार तत्कालीन डहोमी साम्राज्य जो अब आधुनिक बेनिन है उसने इस व्यापार में यूरोपीय सौदागरों का साथ दिया था. बदले में उन्हें बंदूकें और अन्य सामान मिलते थे. इस व्यापार ने न सिर्फ अफ्रीका की सामाजिक संरचना को तोड़ा था, बल्कि लाखों परिवारों को हमेशा के लिए बर्बाद भी कर दिया था. वहीं आज अफ्रीका के कई देश जैसे घाना, सियेरा, लियोन और गिनी बिसाऊ उन लोगों को नागरिकता देने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिनके पूर्वज कभी गुलामी के शिकार बने थे. बेनिन की यह योजना भी उसी कड़ी का हिस्सा है. इन देशों का मानना है कि यह पहल न सिर्फ अतीत के जख्मों को भरने की कोशिश है बल्कि इससे अफ्रीका की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी बल मिलेगा.
कैसे साबित कर सकते हैं अपना अफ्रीकी मूल?
अगर कोई व्यक्ति यह साबित कर सके कि उसके पूर्वज कभी अफ्रीका से गुलाम बनाकर ले जाए गए थे तो वह बेनिन की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए मुख्य रूप से कुछ पारिवारिक सबूत मांगे जाते हैं. जैसे फैमिली डॉक्यूमेंट, बर्थ सर्टिफिकेट या मैरिज सर्टिफिकेट. इसके अलावा ऐतिहासिक रिकॉर्ड या फिर डीएनए रिपोर्ट जो अफ्रीका की जड़ों की पुष्टि करें. इन डॉक्यूमेंट के आधार पर आवेदन बेनिन के दूतावास या माय अफ्रो ओरिजिन्स पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है.
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Source: IOCL























