कितने लोगों को मिलती है काउंटिंग सेंटर में जाने की इजाजत, क्या हैं इसके नियम?
कुल मतदान प्रतिशत 66.91 प्रतिशत तक पहुंच गया. जो 1951 के बाद का सबसे ज्यादा मतदान है यानी इस बार लोगों ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस सबसे बड़े उत्सव में हिस्सा लिया. अब सबकी नजर चुनाव के नतीजों पर है.

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है. पहले चरण में 65.06 प्रतिशत और दूसरे चरण में 68.76 प्रतिशत वोटिंग के साथ कुल मतदान प्रतिशत 66.91 प्रतिशत तक पहुंच गया. जो 1951 के बाद का सबसे ज्यादा मतदान है यानी इस बार लोगों ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस सबसे बड़े उत्सव में हिस्सा लिया. अब सबकी नजर चुनाव के नतीजों पर है. लेकिन बहुत लोग ये जानना चाहते हैं कि जब मतगणना यानी काउंटिंग होती है, तो आखिर अंदर क्या होता है, कौन लोग अंदर जा सकते हैं, और वहां क्या-क्या नियम लागू रहते हैं. तो आइए जानते हैं कि काउंटिंग सेंटर में जाने की इजाजत कितने लोगों को मिलती है और इसके नियम क्या हैं.
काउंटिंग सेंटर में जाने की इजाजत कितने लोगों को मिलती है
आमतौर पर एक काउंटिंग हॉल में 14 टेबल मतगणना के लिए लगाई जाती हैं और 1 टेबल रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के लिए होती है. कुल मिलाकर एक हॉल में 15 टेबल होती हैं. नियम के अनुसार, इससे ज्यादा टेबल नहीं लगाई जा सकतीं, लेकिन अगर क्षेत्र बड़ा हो या मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक हो, तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर टेबल बढ़ाई जा सकती हैं.
इसके नियम क्या हैं
यह मतगणना का सबसे जरूरी हिस्सा है.हर उम्मीदवार के पास अपने एजेंट होते हैं, जो काउंटिंग हॉल में मौजूद रहते हैं. हर टेबल पर एक एजेंट किसी उम्मीदवार की ओर से बैठ सकता है. इसके अलावा, एक एजेंट रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की टेबल पर बैठने की अनुमति होती है. इस तरह, एक उम्मीदवार के कुल 15 एजेंट एक हॉल में मौजूद रह सकते हैं. इन एजेंटों का काम गिनती की प्रक्रिया पर नजर रखना, किसी गलती या गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत आपत्ति दर्ज कराना, और यह सुनिश्चित करना कि हर वोट सही ढंग से गिना जाए.
हर विधानसभा क्षेत्र के लिए सिर्फ एक ही काउंटिंग सेंटर बनाया जाता है. लेकिन अगर बात संसदीय क्षेत्र की करें, तो वहां मतगणना एक से अधिक जगहों पर भी हो सकती है, क्योंकि एक संसदीय क्षेत्र में कई विधानसभा क्षेत्र आते हैं. चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, EVM के वोटों के आखिरी दो राउंड की गिनती तभी की जा सकती है जब सभी Postal Ballots की गिनती पूरी हो जाए. यानी, EVM की गिनती का समय इस बात पर निर्भर करता है कि डाक मतपत्रों की गिनती कितनी जल्दी पूरी होती है.
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Source: IOCL























