प्लेन के फ्यूल टैंक में पानी से हुआ अहमदाबाद हादसा? जानें इस पर क्या कहता है साइंस
एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जांच मेन इलेक्ट्रिक सिस्टम के फेल्योर की तरफ इशारा कर रही है. कहा जा रहा है कि विमान के फ्यूल टैंक में पानी था, जिसकी वजह से पॉवर सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई.

अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे की वजह धीरे-धीरे सामने आने लगी है. शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि एयरपोर्ट से टेकऑफ के तुरंत बाद ही विमान का मेन इलेक्ट्रिक सिस्टम फेल हो गया था, जिससे पूरे विमान में पॉवर सप्लाई बंद हो गई और विमान सीधे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से जा टकराया. अभी तक हुई जांच में में यह भी पता चला है कि टेकऑफ के बाद एयर इंडिया का विमान सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था.
शुरुआती जांच में यह भी कहा जा रहा है कि प्लेन के फ्यूल टैंक में पानी था, जिसकी वजह से मेन इलेक्ट्रिक सिस्टम फेल हो गया और इतना बड़ा हादसा हो गया. ऐसे में चलिए जानते हैं कि फ्यूल टैंक में पानी की वजह से इलेक्ट्रिक सिस्टम पर क्या असर होता है और इसके पीछे का साइंस क्या कहता है?
पानी की वजह से हो सकता है पॉवर फेल
शुरुआती जांच में मिले संकेतों के आधार पर अब इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं फ्यूल सिस्टम में पानी या किसी अन्य चीज की वजह से गड़बड़ी तो नहीं हुई? दरअसल पानी की वजह से फ्यूल टैंक में ब्लॉकेज या जंग लगने का खतरा रहता है, जिस वजह से उड़ान के दौरान पॉवर फेल कर सकता है. ऐसे में जांच के लिए एक्सपर्ट ने फ्यूल टैंक और डिलीवरी सिस्टम के मलबे से केमिकल जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किए हैं.
ब्लैक बॉक्स से पता चलेगी असली वजह
विमान हादसे की शुरुआती जांच, मलबे का पैटर्न और एटीसी की रिपोर्ट भले ही पॉवर फेल्योर की तरफ इशारा कर रही हो, लेकिन विमान हादसे का असल कारण ब्लैक बॉक्स डेटा के डिकोड होने के बाद ही पता चलेगा. सूत्रों की मानें तो ब्लैक बॉक्स की जांच के लिए उसे विदेश भेजा जाएगा, जहां एक्सपर्ट उसकी जांच करेंगे. बता दें, 12 जून को हुए इस विमान हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई थी. वहीं, जमीन पर भी कई स्टूडेंट्स समेत नागरिकों की मौत हुई थी.
यह भी पढ़ें: क्या साइबर अटैक से भी क्रैश हो सकता है प्लेन, कितने एंगल से होती है हादसे की जांच?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















