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स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और AI का दिमाग, जानें कितने एडवांस होंगे 6वीं जेनरेशन के हाइपरसोनिक फाइटर जेट्स

Hypersonic Fighter Jets: हाइपरसोनिक जेट्स बेहद तेज रफ्तार और AI-आधारित नेविगेशन के मेल से भविष्य के हवाई युद्ध का रूप बदल सकते हैं. चलिए इनकी और क्या खासियत हैं, इसके बारे में जानते हैं.

भविष्य के युद्ध अब सिर्फ ताकत या संख्या से नहीं, बल्कि रफ्तार और तकनीक से जीते जाएंगे और इसमें सबसे बड़ा रोल निभाने जा रहे हैं हाइपरसोनिक फाइटर जेट्स. ये ऐसे फाइटर प्लेन होंगे जो दुश्मन के रडार से लगभग गायब रहकर कुछ ही सेकंड में हमला करने की क्षमता रखेंगे. Mach 5 यानी आवाज की रफ्तार से पांच गुना तेज उड़ान भरने वाले ये जेट्स युद्ध की पूरी परिभाषा बदलने वाले हैं. आइए जानते हैं कि ये कितने एडवांस होंगे.

इंजन की नई तकनीक

आम जेट इंजन सीमित स्पीड तक ही काम करते हैं, लेकिन हाइपरसोनिक विमानों में इस्तेमाल होने वाला Scramjet इंजन हवा की गति को अपने अंदर खींचकर उसे ईंधन के साथ जलाता है. इससे जेट को रॉकेट जैसे भारी इंजन की जरूरत नहीं पड़ती और यह Mach 5 या उससे अधिक गति पर उड़ान भर सकता है. यही इंजन भविष्य के फाइटर जेट्स की असली ताकत बनेगा.

तापमान नियंत्रण की हाई-टेक व्यवस्था

जब कोई विमान इतनी तेज रफ्तार से उड़ता है तो हवा के घर्षण से उसका तापमान कई हजार डिग्री तक पहुंच सकता है. इसलिए वैज्ञानिक इन जेट्स में हीट-रेसिस्टेंट मटेरियल और थर्मल कूलिंग सिस्टम लगा रहे हैं. ये सिस्टम न केवल इंजन को ठंडा रखते हैं बल्कि विमान की बाहरी सतह को पिघलने से भी बचाते हैं.

एयरोडायनामिक डिजाइन

हाइपरसोनिक गति पर थोड़ी भी अशांति जेट को असंतुलित कर सकती है. इसीलिए वैज्ञानिकों ने इन जेट्स का डिजाइन बेहद लंबा, स्मूद और कम ड्रैग वाला बनाया है. कंप्यूटर फ्लुइड डायनेमिक्स (CFD) सिमुलेशन की मदद से तैयार यह शेप हवा को आसानी से चीरते हुए स्थिर उड़ान बनाए रखता है. 

रडार से गायब होने की कला

इतनी तेज रफ्तार में उड़ते हुए रडार से छिपना बहुत कठिन होता है, लेकिन इन जेट्स में Radar Absorbing Coating और इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ये दुश्मन के रडार पर मुश्किल से दिखाई देते हैं. साथ ही, इनका खास फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम इन्हें किसी भी दिशा में बेहद तेजी से मोड़ सकता है. 

AI का दिमाग

हाइपरसोनिक गति पर पायलट के पास फैसला लेने के लिए सिर्फ कुछ सेकंड होते हैं. इसलिए इन विमानों में AI-पावर्ड सेंसर, हाई-स्पीड कंप्यूटिंग सिस्टम और सैटेलाइट लिंक्ड नेविगेशन लगाया गया है. यह सिस्टम तुरंत रूट, ऊंचाई और लक्ष्य तय कर सकता है, वो भी बिना पायलट की देरी के. इन सब तकनीकों का मेल हाइपरसोनिक जेट्स को भविष्य का सबसे खतरनाक और समझदार युद्धक विमान बना रहा है.

यह भी पढ़ें: Fighter Jet: फाइटर जेट की कौन-कौन सी चीजें नहीं बना पाता है भारत, इन्हें कहां से मंगवाता है?

About the author निधि पाल

निधि पाल को पत्रकारिता में छह साल का तजुर्बा है. लखनऊ से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत भी नवाबों के शहर से की थी. लखनऊ में करीब एक साल तक लिखने की कला सीखने के बाद ये हैदराबाद के ईटीवी भारत संस्थान में पहुंचीं, जहां पर दो साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद नोएडा के अमर उजाला संस्थान में आ गईं. यहां पर मनोरंजन बीट पर खबरों की खिलाड़ी बनीं. खुद भी फिल्मों की शौकीन होने की वजह से ये अपने पाठकों को नई कहानियों से रूबरू कराती थीं.

अमर उजाला के साथ जुड़े होने के दौरान इनको एक्सचेंज फॉर मीडिया द्वारा 40 अंडर 40 अवॉर्ड भी मिल चुका है. अमर उजाला के बाद इन्होंने ज्वाइन किया न्यूज 24. न्यूज 24 में अपना दमखम दिखाने के बाद अब ये एबीपी न्यूज से जुड़ी हुई हैं. यहां पर वे जीके के सेक्शन में नित नई और हैरान करने वाली जानकारी देते हुए खबरें लिखती हैं. इनको न्यूज, मनोरंजन और जीके की खबरें लिखने का अनुभव है. न्यूज में डेली अपडेट रहने की वजह से ये जीके के लिए अगल एंगल्स की खोज करती हैं और अपने पाठकों को उससे रूबरू कराती हैं.

खबरों में रंग भरने के साथ-साथ निधि को किताबें पढ़ना, घूमना, पेंटिंग और अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है. जब ये कीबोर्ड पर उंगलियां नहीं चला रही होती हैं, तब ज्यादातर समय अपने शौक पूरे करने में ही बिताती हैं. निधि सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहती हैं और हर दिन कुछ नया सीखने, जानने की कोशिश में लगी रहती हैं.

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