Rajasthan Election 2023: कौन हैं किरोड़ी लाल मीणा, जो साबित हो सकते हैं बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड?
Election News: भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 7 सांसदों को उतारा है. इसमें राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी हैं. वह सवाई माधोपुर से लड़ेंगे. मीणा बीजेपी से सीएम फेस की रेस में भी हैं.

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार सीएम फेस की घोषणा नहीं की है, लेकिन इस रेस में कई लोगों के नाम हैं. इन अटकलों को अलग-अलग वजह से बल भी मिल रहा है. यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा कि कौन सी पार्टी बहुमत हासिल करेगी और कौन सीएम फेस होगा, लेकिन जिनका नाम सीएम की रेस में है उनके समर्थक अभी से माहौल बनाने में लगे हैं.
इस राज्य में जिन नेताओं का नाम बीजेपी सीएम फेस की रेस में आगे है उनमें राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हैं. आइए जानते हैं कौन हैं किरोड़ी लाल मीणा, और क्यों इनका नाम अचानक से सीएम की रेस में आ गया है.
पिछले पांच साल में बीजेपी के सबसे सक्रिय नेता
71 वर्षीय किरोड़ी लाल मीणा का कद बीजेपी में पिछले 5 साल में काफी बढ़ा है. वह राज्यसभा सांसद है. उनके पास बेशक राजस्थान बीजेपी में कोई पद नहीं है, लेकिन पिछले पांच साल में इन्होंने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ जितनी आवाज उठाई है, जितने विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं, उतना शायद ही बीजेपी के किसी और नेता ने किया है. बात चाहे सरकारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक होने में राज्य सरकार के करीबी लोगों की कथित संलिप्तता का खुलासा करना हो, या फिर मीडिया के साथ मिलकर छापे मारने की बात हो, हर जगह मीणा ही नजर आए हैं.
पिछले हफ्ते भी गहलोत सरकार पर लगाए बड़े आरोप
किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले हफ्ते भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया. वह अपने साथ मीडियाकर्मियों को गणपति प्लाजा में ले गए. जयपुर की इस लोकप्रिय इमारत में कई दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार के करीबी लोगों ने प्रश्नपत्र लीक समेत भ्रष्टाचार से कमाए गए 500 करोड़ रुपये और 50 किलो सोना इसी इमारत के निजी लॉकरों में छिपा दिया है. इसके बाद वह वहां धरने पर बैठ गए. मीडिया में जब यह खबर आई तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग की टीमों ने यहां के लॉकरों पर छापा मारा. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि वहां सच में काला धन रखा गया था या नहीं, लेकिन किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर से चर्चा में आ गए.
कौन हैं किरोड़ी लाल मीणा?
एमबीबीएस की डिग्री रखने वाले मीणा पहली बार 1985 में बीजेपी के टिकट पर दौसा जिले के महवा विधानसभा सीट से विधायक बने थे. आदिवासी मीणा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मीणा 1989 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता. मीणा 2003 और 2008 के बीच वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. वसुंधरा राजे के साथ मतभेद बढ़ने पर उन्होंने 2008 में भाजपा छोड़ दी. 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले वह पी ए संगमा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय पिपुल्स पार्टी (NPP) में शामिल हुए. उन्होंने राजस्थान की राजनीति में अपना वजन साबित करते हुए इस अनजान पार्टी को भी राज्य में चार विधानसभा सीटों पर जीत दिला दी.
2013 से 2018 की शुरुआत तक मीणा राजे सरकार के मुखर आलोचक थे. मार्च 2018 में वह फिर से भाजपा में लौट आए और राजे के साथ मंच पर दिखाई दिए. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेज दिया. पर मीणा ने कभी राजस्थान की राजनीति नहीं छोड़ी. पिछले पांच वर्षों में मीणा राजस्थान भाजपा के अंदर लगभग एक समानांतर ताकत के रूप में उभरे हैं, जो राज्य इकाई की ओर से आधिकारिक तौर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरने से अलग मीडिया में छाए रहते हैं.
बीजेपी के लिए राजस्थान में क्यों महत्वपूर्ण हैं मीणा?
राजस्थान में 13.48% आबादी के साथ आदिवासी एक महत्वपूर्ण वोट बैंक हैं. इनमें से मीणा बहुसंख्यक हैं. मीणा परंपरागत रूप से कांग्रेस के मतदाता रहे हैं, लेकिन भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के लिए उनके बीच एक आधार बनाया है और उच्च आदिवासी आबादी वाले पूर्वी राजस्थान के जिलों में वह पार्टी को लगातार चुनाव में जीत दिला रहे हैं. यह उनका वजन ही है कि बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में जिन 7 सांसदों को टिकट दिया है, उनमें मीणा का भी नाम है. मीणा सवाई माधोपुर से मैदान में होंगे, जहां चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक पर भी भाजपा का कब्जा नहीं है.
विवादों से भी रहा है इनका पुराना नाता
मीणा का विवादों से भी पुराना नाता है. 2021 में इन्होंने पुलिस को चकमा देकर जयपुर के आमागढ़ किले पर भगवा झंडा उतारकर मीणा समुदाय का झंडा फहरा दिया था. यह कार्रवाई तब हुई जब आदिवासी नेताओं ने हिंदू समूहों पर आदिवासी प्रतीकों को हथियाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. मीणा जिन्हें "डॉक्टर साहब" और "बाबा" जैसे उपनामों से जाना जाता है, भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा के कट्टर समर्थक हैं. जबकि अधिकांश आदिवासी राजनेता इस बात पर जोर देते हैं कि आदिवासी हिंदू धर्म के अंतर्गत नहीं आते हैं, पर मीणा का तर्क इसके विपरीत है.
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Source: IOCL


















