मार्केट में एक और धमाकेदार एंट्री! Shiprocket ने IPO के लिए सेबी के पास जमा कराया अपडेटेड ड्राफ्ट
Shiprocket Limited IPO: Zomato और Temasek समर्थित कंपनी शिपरॉकेट लिमिटेड अब अपना आईपीओ लाने वाली है. कंपनी ने इसके लिए सेबी के पास अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर्स फाइल किए हैं.

Shiprocket Limited IPO: लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी शिपरॉकेट (Shiprocket) अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है. इसके लिए कंपनी ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास अपना अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस-I (UDRHP-I) जमा कराया है.
शिपरॉकेट के आईपीओ का साइज 2,342.3 करोड़ रुपये है. अपडेटेड DRHP के मुताबिक, IPO में 1,100 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू जारी किए जाएंगे और ऑफर फॉर सेल (OFS) भी रहेगा, जिसके जरिए मौजूदा शेयरहोल्डर्स 1,242.3 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचेंगे. इससे पहले कंपनी ने मई 2025 में कॉन्फिडेंशियल रूट से सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराए थे, जिसे नवंबर में मंजूरी मिली थी.
ऑफर-फॉर-सेल में कौन लेंगे हिस्सा?
इससे पहले कंपनी ने मई 2025 में कॉन्फिडेंशियल रूट से सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे, जिसे नवंबर में मंजूरी मिली थी. इसके बड़े इन्वेस्टर्स में Eternal Limited (पहले Zomato Limited) हैं, जिसके पास 6.85 परसेंट की हिस्सेदारी है और MacRitchie Investments Pte. Ltd (Temasek) हैं, दोनों ही ऑफर-फॉर-सेल में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
ऑफर फॉर सेल में कई शुरुआती बैकर्स और फाउंडर्स हिस्सा लेंगे जैसे कि Bertelsmann Nederland B.V. 85.43 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचेगी, जबकि Tribe Capital III, LLC (सीरीज़ 1) 120 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचने की योजना बना रही है, अरविंद लिमिटेड 161 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचने वाली है.
अन्य इन्वेस्टर सेलिंग शेयरहोल्डर्स में 500 Startups III, L.P. (27 करोड़ रुपये तक), LR India Fund I S.a.r.l. (258.49 करोड़ रुपये तक) और MCP3 SPV LLC (95 करोड़ रुपये तक) शामिल हैं. व्यक्तिगत सेलिंग शेयरहोल्डर्स में फाउंडर साहिल गोयल और गौतम कपूर में से हर कोई 144 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर बेचेगा, जबकि विशेष खुराना 36.93 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचेंगे.
कम हो सकता है फ्रेश इश्यू का साइज
कंपनी अपने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) के साथ सलाह करके 220 करोड़ रुपये तक की स्पेसिफाइड सिक्योरिटीज का प्री-IPO प्लेसमेंट करने पर विचार कर सकती है. अगर यह प्लेसमेंट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल करने से पहले किया जाता है, तो जुटाई गई रकम को फ्रेश इश्यू साइज से कम कर दिया जाएगा.
क्या करती है कंपनी?
शिपक्रॉकेट एक एंड-टू-एंड मर्चेंट-फर्स्ट टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करता है, जो भारत के MSMEs और डिजिटल रिटेलर्स के लिए ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन को आसान बनाता है. यानी कि यह एक एक ऐसी कंपनी या प्लेटफॉर्म है, जो किसी बिजनेस के ऑनलाइन ऑपरेशन के लिए शुरू से लेकर अंत तक सभी तरह की सर्विसेज और टेक्नीकल सॉल्यूशंस मुहैया कराती है.
इसके ऑपरेशंस दो मुख्य सेगमेंट में बंटे हुए हैं- कोर बिजनेस, जिसमें इसका डोमेस्टिक शिपिंग प्लेटफॉर्म और शिपिंग ऐप्स शामिल हैं और इमर्जिंग बिजनेस, जिसमें क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड, कार्गो, फुलफिलमेंट और चेकआउट सॉल्यूशंस शामिल हैं. Redseer की रिपोर्ट के मुताबिक, शिपक्रॉकेट फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए ऑपरेशंस से होने वाले रेवेन्यू के मामले में भारत का सबसे बड़ा न्यू-एज एंड-टू-एंड हॉरिजॉन्टल ई-कॉमर्स इनेबलमेंट प्लेटफॉर्म है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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