2026 में आने वाला है दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ, क्या भारतीयों को मिलेगा दांव लगाने का मौका?
SpaceX IPO: स्पेस सेक्टर में काम करने वाली एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के अगले साल तक आईपीओ लाने की उम्मीद लगाई जा रही है. कंपनी ने हाल ही में इनसाइडर शेयर सेल को मंजूरी दी है.

SpaceX IPO: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अगले साल अपना आईपीओ लाने जा रही है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. कंपनी ने हाल ही में अपने इनसाइडर शेयर सेल को भी मंजूरी दी है, जिससे इसके अगले साल तक आईपीओ लाने का अनुमान लगाया जा रहा है. इस इनसाइडर शेयर ट्रेडिंग के चलते कंपनी की वैल्यूएशन अब बढ़कर 800 बिलियन डॉलर हो गई है. कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ब्रेट जॉनसन ने मेमो भेजकर शेयरहोल्डर्स को इसकी जानकारी दी है.
ब्रेट ने लेटर में और क्या कहा?
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी लेटेस्ट सेकंडरी ऑफरिंग में इनसाइडर्स को 421 प्रति शेयर के हिसाब से शेयर दे रही है क्योंकि इसका प्लान संभावित रूप से 2026 में IPO लॉन्च करने का है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि CFO ब्रेट जॉनसन के भेजे गए लेटर में बताया गया कि कंपनी शेयरहोल्डर्स से 421 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 2.56 बिलियन डॉलर के शेयर वापस खरीदने की योजना बना रही है.
NYT के अनुसार, जॉनसन ने लेटर में कहा, "यह असल में होगा या नहीं, कब होगा और किस वैल्यूएशन पर होगा, यह अभी भी बहुत अनिश्चित है, लेकिन प्लानिंग यही है कि अगर हम सही तरीके से काम करते हैं और मार्केट भी साथ देता है, तो पब्लिक ऑफरिंग से काफी पूंजी जुटाई जा सकती है."
क्या होता है सेकेंडरी ऑफरिंग?
यह एक प्रॉसेस है, जिसके जरिए कंपनियां आमतौर पर IPO से पहले कर्मचारी या शुरुआती निवेशकों को अपने हिस्से का शेयर बेचने का मौका देती है. स्पेसएक्स ने भी हाल ही में ऐसा किया. स्पेसएक्स साल में दो बार बायबैक कर शेयरहोल्डर्स से पूंजी जुटाती है और शेयरधारकों को भी अपनी होल्डिंग्स से नकदी निकालने का मौका मिल जाता है.
यह प्रॉसेस कंपनी को आईपीओ लाने के लिए तैयार करती है, जिससे बड़ी मात्रा में फंड इकट्ठा किया जा सके. स्पेसएक्स भी आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल Starship और Starlink के प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए कर सकती है. इसी सेकेंडरी ऑफरिंग के बाद स्पेसएक्स की वैल्यूएशन बढ़कर 800 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है और अगर आईपीओ लॉन्च हो गया, तो वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर सकती है.
क्या भारतीयों को मिलेगा दांव लगाने का मौका?
- इसका जवाब है हां. भारतीय निवासी RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत इस अमेरिकी IPO में इन्वेस्ट कर सकते हैं, जिसके तहत हर साल 250,000 डॉलर तक विदेश में इन्वेस्टमेंट के लिए भेजे जा सकते हैं.
- इसके लिए सबसे पहले आपको एक ब्रोकर चुनना होगा. किसी ऐसे इंडियन प्लेटफॉर्म के साथ ग्लोबल ट्रेडिंग अकाउंट खोलें, जो US इन्वेस्टिंग ऑफर करता हो या सीधे US ब्रोकर के साथ IPO एक्सेस देता हो. सभी ब्रोकर IPO एप्लीकेशन की अनुमति नहीं देते हैं इसलिए इसे पहले से चेक करना होगा.
- अब अपना KYC पूरा करें. इसके लिए PAN और पासपोर्ट जैसे बेसिक डॉक्यूमेंट सबमिट करें. यह प्रोसेस ऑनलाइन है और आमतौर पर कम समय में पूरा हो जाता है.
- इसके बाद LRS रूट के जरिए अपने बैंक से US डॉलर में पैसे ट्रांसफर करें और ब्रोकर के प्लेटफॉर्म के जरिए IPO के लिए अप्लाई करें. हालांकि, अलॉटमेंट की कोई गारंटी नहीं है.
- अगर आपको शेयर अलॉट किए जाते हैं, तो यह आपके डिमैट अकाउंट में अपने आप क्रेडिट हो जाएगा. अगर नहीं, तो ज्यादातर इंवेस्टर्स स्टॉक के एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद ही शेयर खरीदते हैं.
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Source: IOCL























