रूस-यूक्रेन युद्ध का असर सीधा लोगों की जेब पर, क्रूड, कोयला, निकेल और तांबा सहित इन वस्तुओं के भी बढ़े दाम
Russia Ukraine War Impact on People: कच्चे तेल से लेकर तांबा, निकेल, एल्यूमीनियम और टाइटेनियम तक महंगे हो चुके हैं. वहीं आगे चलकर किन चीजों के दाम बढ़ने वाले हैं, आप यहां जान सकते हैं.
Russia Ukraiane War Impact: रूस-यूक्रेन युद्ध ने न सिर्फ भू-राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है बल्कि इसका अब सीधा असर लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है. इस जंग के कारण उपजी आपूर्ति बाधा ने सभी चीजों के दाम बढ़ा दिये हैं. भारत में चाहे वो निर्माण से जुड़ी सामग्री हो या खाद्य सामग्री, सबके दाम इस युद्ध के कारण बढ़ रहे हैं.
कच्चे तेल पर सबसे ज्यादा असर
युद्ध का सर्वाधिक असर कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों पर पड़ा है. कच्चा तेल की आसमान छूती कीमत का असर घरेलू बाजार पर सबसे अधिक दिखता है. इन तमाम आर्थिक दुश्वारियों को देखकर भारतीय रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों को बढ़ाने का दबाव बढ़ जाता है, जिससे वाहन क्षेत्र और आवास क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
तांबा, एल्यूमिनीयम, टाइटेनियम और पैलेडियम सबके दाम बढ़े
जनवरी में खुदरा महंगाई आरबीआई लक्ष्य से कहीं अधिक बढ़ी हुई थी. इस युद्ध ने स्थिति को और अधिक गंभीर कर दिया है. जंग के कारण कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, कोयले, निकेल, तांबे, एल्यूमिनीयम, टाइटेनियम और पैलेडियम सबके दाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गये हैं. भारत इनका बहुत बड़ा आयातक है. इसके अलावा पोटाश और प्राकृतिक गैस की कीमतों में तेजी से उर्वरक के दाम भी बढ़ जायेंगे, जिसका सीधा प्रभाव भारतीय बाजार पर दिखेगा.
आगे बढ़ेंगे इन उत्पादों के दाम
कोयले और निकेल के दाम में तेजी से स्टील और सीमेंट के भाव बढ़गे, जिससे आम लोगों की जेब अधिक ढीली होगी. भारत में सबसे बड़ी चिंता पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आने वाली तूफानी तेजी की संभावना को लेकर है. कच्चे तेल के आसमान छूते दाम जल्द ही घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दामों में भी आग लगा देंगे, जिससे परिवहन लागत बढ़ जायेगी. इस बढ़ी लागत की वसूली अंत में उत्पादक ग्राहकों से ही करेंगे. हालांकि सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती करके पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर थोड़ा लगाम लगा पायेगी लेकिन यह कोई बड़ी राहत नहीं दे सकते हैं.
खुदरा महंगाई दर पर आएगा बड़ा असर
औद्योगिक विश्लेषकों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी की तेजी खुदरा महंगाई दर में करीब 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकती है. एम्के ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की प्रमुख अर्थशास्त्री मधवी का कहना है कि वित्तवर्ष 23 में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के साढ़े चार फीसदी के अनुमान से 120 आधार अंक अधिक हो सकती है. एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च की मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी के अनुसार, अगर कच्चे तेल के दाम ज्यादा समय तक 100 डॉलर प्रति बैरल के उपर बने रहते हैं तो वित्त वर्ष 23 में खुदरा महंगाई दर के औसतन छह फीसदी रहने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें
WPI Inflation in February 2022: फरवरी महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में आई उछाल
देश में एयरलाइंस के इन रूटस पर करीब 30 फीसदी तक बढ़े किराए, जानें वजह और आगे कैसा रहेगा हाल
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets