Fight For Employees: पहले विप्रो का लीगल एक्शन और अब इंफोसिस ने कॉग्निजेंट पर जड़े आरोप, आईटी कंपनियों की भिड़ंत हुई तेज
Infosys vs Cognizant: कर्मचारियों का नौकरी बदलना आम बात है. मगर, इसी को लेकर तीन दिग्गज आईटी कंपनियां आपस में भिड़ गई हैं. विप्रो के बाद अब इंफोसिस को भी कॉग्निजेंट की यह रणनीति नागवार गुजरी है.
Infosys vs Cognizant: देश की टॉप आईटी कंपनियों के बीच जंग तेज हो गई है. हाल ही में खबर आई थी कि विप्रो (Wipro) ने उन्हें छोड़कर कॉग्निजेंट (Cognizant) जाने वाले दो अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की है. अब कॉग्निजेंट के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. इस आईटी कंपनी पर एक और दिग्गज इंफोसिस (Infosys) ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं. इंफोसिस का दावा है कि कॉग्निजेंट कर्मचारियों को तोड़ने के लिए अनैतिक रणनीति (Unfair Practices) का इस्तेमाल कर रही है. इंफोसिस ने इस संबंध में कॉग्निजेंट को लेटर भी भेजे हैं.
इंफोसिस ने कॉग्निजेंट पर लगाया ये आरोप
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इंफोसिस ने नेसडेक (NASDAQ) में लिस्टेड कॉग्निजेंट पर आरोप जड़ा है कि वह गलत तौर-तरीकों से उसके कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ रही है. इंफोसिस ने इस संबंध में कॉग्निजेंट को लिखित में यह शिकायत भेजी है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा न करने का कोई समझौता नहीं है. मगर इस लिखित शिकायत को इंफोसिस की तरफ से चेतावनी भरी कार्रवाई माना जा रहा है. हाल ही में इंफोसिस के कुछ सीनियर अधिकारी कॉग्निजेंट गए हैं.
कॉग्निजेंट लगातार तोड़ रही इंफोसिस के बड़े अधिकारी
इंफोसिस छोड़कर इसी साल जनवरी में कॉग्निजेंट के सीईओ बने रवि कुमार 20 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट और चार सीनियर वाईस प्रेसिडेंट बना चुके हैं. इनमें से कई विप्रो और इंफोसिस से हैं. इंफोसिस के अनुराग वर्धन सिन्हा, नागेश्वर चेरुकुपल्ली, नरसिम्हा राव मानेपल्ली और श्वेता अरोड़ा जैसे बड़े नामों को कॉग्निजेंट ने नौकरी दी है. इनमें से दो लोग तो कॉग्निजेंट ज्वाइन भी कर चुके हैं. बाकियों का प्लान इस सख्त लेटर के बाद खटाई में पड़ सकता है.
विप्रो ने अपने दो अधिकारियों पर ठोका केस
विप्रो ने तो कॉग्निजेंट ज्वाइन करने वाले मोहम्मद हक (Mohammed Haque) और जतिन दलाल (Jatin Dalal) पर अमेरिका व भारत में कानूनी कार्रवाई तक शुरू कर दी है. विप्रो ने पूर्व सीएफओ जतिन दलाल के खिलाफ बेंगलुरू की एक अदालत में केस दर्ज कराया है. पूर्व सीएफओ ने कोर्ट में मध्यस्थता की अपील दाखिल की है. इसके अलावा कंपनी ने मोहम्मद हक पर गोपनीय जानकारियां चुराने के आरोप में कार्रवाई की है.
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