एक्सप्लोरर

गर्म होती जा रही है पृथ्वी, पिछले साल भर का औसत मासिक तापमान पेरिस समझौते के लक्ष्य के पार

आजकल मौसम मानवीय हस्तक्षेप की वजह से अनायास और बेतरतीब ढंग से बदल रहे हैं. इस वर्ष ठंड के दिनों में खिलनेवाले फूल सर्दी पड़ने का इंतज़ार करते रहे, लेकिन बगीचे के रंग गायब रहे. अभी साल 2023 में पड़ी असामान्य गर्मी की गणना ख़त्म ही हुई थी, इसे अब तक का सबसे गर्म साल पाया ही गया था कि नए साल के पहले महीने के आंकड़े भी उसी राह पर चलते दिखे. इस बार जनवरी का महीना भी अब तक का सबसे गर्म जनवरी साबित हुआ. पिछले जून-जुलाई महीने से वैश्विक तापमान ने जो गति पकड़ी, वह  बेरोकटोक अब तक जारी है. यानी जनवरी का महीना पिछला लगातार आठवां महीना है जो अब तक का सबसे गरम महीना रहा है. पिछला जून अब तक का सबसे गर्म जून, जुलाई सबसे गर्म जुलाई और यही सिलसिला नये साल में बदस्तूर जारी है.

पिछले एक साल से गरमी का कहर

पिछले बारह महीनों के बाकी महीनों यानी फ़रवरी से मई की बात करें  तो पिछला फ़रवरी-मार्च दूसरा सबसे गर्म फ़रवरी-मार्च रहा, अप्रैल चौथा सबसे गर्म अप्रैल और मई तीसरा सबसे गर्म मई रहा. वैश्विक उष्मन के सन्दर्भ में, या धरती के औसतन तापमान के सन्दर्भ में ‘अब तक का’ कहने का तात्पर्य है कि 1850 से, यानी जब से आधिकारिक रूप से वैश्विक तापमान का रिकॉर्ड रखा जा रहा है, मापन किया जा रहा है. वैश्विक औसत तापमान की तुलनात्मक समझ के लिए उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध (1850-1900) के औसत तापमान को पूर्व औद्योगिक काल का औसत तापमान मानकर उसे सन्दर्भ बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पूर्व औद्योगिक काल के औसत तापमान के आधार पर पृथ्वी के बढ़ते तापमान की गणना की जाती है. इसके साथ ही पिछले तीन दशक (1991-2020) के औसत तापमान को भी पूर्व औद्योगिक काल के औसत तापमान के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण सन्दर्भ बिंदु माना जाता है.

 स्पष्ट है कि पिछला साल असामान्य रूप से बढे धरती के तापमान के ही अनुरूप जलवायु परिवर्तन से जुड़ी आपदा में बढ़ोतरी का साल था और यही सिलसिला इस जनवरी में भी जारी है. नए साल की शुरुआत में ही लैटिन अमेरिकी देश चिली के वालपरासो क्षेत्र के जंगल में भीषण आग इस कदर फैली कि वहां राष्ट्रीय शोक का सबब बन गयी. वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया को प्रशांत महासागर के अप्रत्याशित रूप से गर्म होने के कारण प्रलयंकारी बारिश का सामना करना पड़ा और राजकीय आपातकाल का सामना करना पड़ा. इस घटना को पाइनएप्पल एक्सप्रेस आकाशी नदी का नाम दिया गया.

भारत भी नहीं रहा अप्रभावित

भारत भी अब तक के सबसे गर्म जनवरी के प्रभाव से अछूता नहीं रहा, जहां गर्म होती धरती का मैदान के मुकाबले पहाड़ों  में ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है. जम्मू कश्मीर में पिछले 43 साल का सबसे गर्म और बर्फ से मुक्त जनवरी दर्ज किया गया. तापमान में बढ़ोतरी और पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में आयी कमी कम बर्फबारी के प्रमुख कारण हैं. जनवरी में जो पहाड़ बर्फ की सफ़ेद चादर से ढंके रहते थे इस बार वो मटमैले और निर्जन दिखे. हालांकि, फरवरी में बर्फबारी से कुछ स्थिति बदलनी शुरू हुई है. यूरोप के कोपरनिकस क्लाइमेट चंज सर्विस (सी3एस) के जनवरी के तापमान के वैश्विक आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2024 का औसत तापमान 13.14°C रहा जो पिछले सबसे गर्म जनवरी (2020) से 0.7°C गर्म रहा, वहीं पिछले तीन दशक (1991-2020) की जनवरी के औसत तापमान के मुकाबले 0.12°C ज्यादा रहा. जनवरी महीने के लिए तापमान में विसंगति पिछले सबसे गर्म सात महीनों (जून से दिसम्बर) के मुकाबले काफी कम रही. सबसे चिंताजनक वृद्धि पूर्व औद्योगिक काल (1850- 1900) के जनवरी के औसत तापमान की तुलना में हुई जो 1.66°C रही, वहीं पिछले एक साल (फ़रवरी 2023-जनवरी 2024) का औसत तापमान पूर्व औद्योगिक काल (1850- 1900) के औसत वार्षिक तापमान के मुकाबले 1.52°C ज्यादा गर्म रहा. पूर्व औद्योगिक काल (1850- 1900) का औसत तापमान एक महत्वपूर्ण सन्दर्भ है, जिसे मानव जनित कारणों से वैश्विक उष्मन का प्रस्थान बिंदु माना जाता है और इसी को आधार मान कर कई महत्वपूर्ण लक्ष्य भी निर्धारित किये गए हैं.

पेरिस जलवायु समझौते का लक्ष्य  

पेरिस जलवायु समझौते में इस सदी (2100) के अंत तक वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को औद्योगिकीकरण के पूर्व के समय के औसत तापमान के स्तर से 2°C से नीचे, अधिमानतः 1.5°C से नीचे तक सीमित करना है. जनवरी 2024 और फ़रवरी 2023 से जनवरी 2024 तक औसत तापमान पूर्व औद्योगिक काल (1850- 1900) के औसत तापमान के मुकाबले 1.5°C से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है, जो पेरिस जलवायु समझौते के न्यूनतम लक्ष्य से ज्यादा है. यानी, जनवरी सहित पिछले एक साल का हर महीना औसतन पूर्व औद्योगिक काल के मुकाबले 1.5°C से ज्यादा गर्म रहा है. यहां तक कि 17 नवम्बर 2023 का औसत तापमान पूर्व औद्योगिक काल के दैनिक औसत तापमान से 2.06°C गर्म रहा, जो कि पेरिस समझौते के ऊपरी लक्ष्य से भी ज्यादा है और इस सदी के अंत से 76 साल पहले ही हो रहा है. गर्मी के इस नए दौर की कहानी जनवरी तक आकर रुकने वाली नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा वर्ष 2024 के, 2023 के मुकाबले अधिक गर्म रहने की प्रायिकता यानी प्रायरिटी 3 में से 1 है. वर्ष 2024 के और अधिक गर्म होने की सम्भावना होने के कई कारणों में से अल नीनो की घटना को भी माना जा सकता है जो वैश्विक स्तर पर जलवायु को प्रभावित कर धरती को गरम बनाती है, पर अकेले अल नीनो का प्रभाव इतनी गरमी नहीं ला सकती है.

अभी नहीं रुकनेवाली है गरमी

वैज्ञानिकों ने पहले हुए टोंगा ज्वालामुखी से निकले भाप, जो एक बहुत प्रभावी ग्रीन हाउस गैस है, की एक विशाल राशि के स्ट्रेटोस्फेयर में इकट्ठा हो जाने को भी इस अभूतपूर्व गर्मी के कारणों में से माना है.  नतीजा ये हुआ कि पिछले साल जून से शुरू हुए गर्मी के एक नए दौर में सर्दी के बाद भी पृथ्वी ठंढी नहीं हुई है बल्कि उष्मन बदस्तूर जारी है. आजकल वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 421.2 पीपीएम है जो पृथ्वी के तापमान को संतुलित रखने की मात्रा 350 पीपीएम से 71.2 पीपीएम अधिक है, वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के 350 पीपीएम की मात्रा 1990 में पार कर ली थी. वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के साथ-साथ अन्य ग्रीन हाउस गैस की मात्रा में वृद्धि बदस्तूर जारी है. पिछले एक साल के सन्दर्भ में औसत मसिक तापमान 1.5°C के लक्ष्य को भी पार कर चुका है और वैश्विक स्तर पर अगर जलवायु परिवर्तन से बचाव की तैयारियां ऐसी ही रही तो सदी के अंत तक हम पेरिस जलवायु लक्ष्य से काफी दूर यानी 2,7°C तक निकल चुके होंगे. वैश्विक उष्मन में वृद्धि अब तक के हमारे अनुमान से काफी तेज गति पकड़ रही है और पिछले एक साल का अनुभव मानव जनित वैश्विक उष्मन और जलवायु परिवर्तन के एक नए दौर की शुरुआत को दिखा रहा है. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
Mon May 19, 4:25 pm
नई दिल्ली
33.4°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 62%   हवा: N 0 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

बलूच लड़ाकों ने PAK में कैसे हाईजैक कर ली थी जाफर एक्सप्रेस? VIDEO जारी कर खोल दी असीम मुनीर की पोल
बलूच लड़ाकों ने PAK में कैसे हाईजैक कर ली थी जाफर एक्सप्रेस? VIDEO जारी कर खोल दी असीम मुनीर की पोल
'पहले ही 140 करोड़ आबादी का बोझ, भारत धर्मशाला नहीं', श्रीलंकाई तमिल ने मांगी शरण तो भड़का सुप्रीम कोर्ट
'पहले ही 140 करोड़ आबादी का बोझ, भारत धर्मशाला नहीं', श्रीलंकाई तमिल ने मांगी शरण तो भड़का सुप्रीम कोर्ट
Bihar: जन सुराज पार्टी को मिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने उदय सिंह के नाम का किया ऐलान
बिहार: जन सुराज पार्टी को मिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने उदय सिंह के नाम का किया ऐलान
भारत में तुर्किए के बायकॉट से डरा चीन, बोला- 'हमने पाकिस्तान का नहीं किया कोई डिफेंस सपोर्ट'
भारत में तुर्किए के बायकॉट से डरा चीन, बोला- 'हमने पाकिस्तान का नहीं किया कोई डिफेंस सपोर्ट'
ABP Premium

वीडियोज

Shaunki Sardar Review | Babbu Maan और Guru Randhawa ने कमाल कर दिया, शानदार Screen PresenceParesh Rawal reveals no script or money issues—so why did he quit Hera Pheri 3?Aamir Khan’s Directorial Skills Show Up Even When He’s Just Acting, Not Directing?Operation Sindoor: वो टैंक देखिए जिन्होंने पाकिस्तान को धूल चटाई | Jyoti | Vijay Shah Controversy

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बलूच लड़ाकों ने PAK में कैसे हाईजैक कर ली थी जाफर एक्सप्रेस? VIDEO जारी कर खोल दी असीम मुनीर की पोल
बलूच लड़ाकों ने PAK में कैसे हाईजैक कर ली थी जाफर एक्सप्रेस? VIDEO जारी कर खोल दी असीम मुनीर की पोल
'पहले ही 140 करोड़ आबादी का बोझ, भारत धर्मशाला नहीं', श्रीलंकाई तमिल ने मांगी शरण तो भड़का सुप्रीम कोर्ट
'पहले ही 140 करोड़ आबादी का बोझ, भारत धर्मशाला नहीं', श्रीलंकाई तमिल ने मांगी शरण तो भड़का सुप्रीम कोर्ट
Bihar: जन सुराज पार्टी को मिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने उदय सिंह के नाम का किया ऐलान
बिहार: जन सुराज पार्टी को मिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने उदय सिंह के नाम का किया ऐलान
भारत में तुर्किए के बायकॉट से डरा चीन, बोला- 'हमने पाकिस्तान का नहीं किया कोई डिफेंस सपोर्ट'
भारत में तुर्किए के बायकॉट से डरा चीन, बोला- 'हमने पाकिस्तान का नहीं किया कोई डिफेंस सपोर्ट'
लड़की संग एक रात सोने की डिमांड ने बर्बाद किया था इस एक्टर का करियर, पहचाना?
लड़की संग एक रात सोने की डिमांड ने बर्बाद किया था इस एक्टर का करियर, पहचाना?
'जब-तक आतंकवाद...', तिरंगा यात्रा में बोलीं स्मृति ईरानी, CM रेखा गुप्ता समेत कई दिग्गज शामिल
'जब-तक आतंकवाद...', तिरंगा यात्रा में बोलीं स्मृति ईरानी, CM रेखा गुप्ता समेत कई दिग्गज शामिल
IPL में सबसे तेज 150 विकेट, हर्षल पटेल ने रचा इतिहास; लखनऊ के खिलाफ बनाया बड़ा रिकॉर्ड
IPL में सबसे तेज 150 विकेट, हर्षल पटेल ने रचा इतिहास; लखनऊ के खिलाफ बनाया बड़ा रिकॉर्ड
'5 दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं...', घर पर बोलकर निकलती थी ज्योति मल्होत्रा; पिता ने और क्या बताया?
'5 दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं...', घर पर बोलकर निकलती थी ज्योति मल्होत्रा; पिता ने और क्या बताया?
Embed widget