Garuda Purana: मृत्यु के बाद भी सोने पर रहता है आत्मा का मोह, मृतक के गहने पहनने से पहले जानें गरुड़ पुराण की बात
Garuda Purana: सोने की सुनहरी चमक हर किसी को आकर्षित करती है. लेकिन किसी मृतक व्यक्ति के सोने (Gold) के जेवर पहनने से गरुड़ पुराण की ये चेतावनी जरूर जान लें, वरना मुसीबत में पड़ सकते हैं.

Garuda Purana Gold Jewellery Wearing Rules: सुनहरी चमक, सुंदरता और स्थायित्व के कारण गोल्ड की ओर हर कोई आकर्षित हो जाता है. खासकर महिलाओं को सोने के जेवर खूब पसंद आते हैं. ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से भी सोने के आभूषण धारण करना शुभ माना गया है. लेकिन कई बार यह आपके लिए समस्या का कारण भी बन सकता है.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, केवल जीवित व्यक्ति ही वहीं बल्कि मृतक की आत्मा भी सोने से जुड़ी होती है. ऐसा गरुड़ पुराण में बताया गया है. इसलिए शास्त्रों में मृतक के आभूषणों को पहनना संवेदनशील बताया गया है. हालांकि कुछ नियमों का पालन कर या गहनों का शुद्धिकरण कर इसे उपयोग में लाया जा सकता है.
मृत्यु के बाद भी इन चीजों पर रहता है आत्मा का मोह
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, गरुड़ पुराण में ऐसा उल्लेख मिलता है कि, जब परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो, उसकी कुछ वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए. कोशिश करें कि, मृतक की चीजों को नदी में प्रवाहित कर दें या घर के बाहर कर दें. इन चीजों में मृतक के कपड़े, घड़ी, चादर, जूते और आभूषण आदि शामिल हैं. इन चीजों का इस्तेमाल करने पर मृतक की आत्मा उस व्यक्ति से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है या फिर जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है.
मृत्यु के बाद भी सोने से जुड़ी रहती है मृतक की आत्मा
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि जैसे-जैसे शरीर प्राण छोड़ता है, वैसे-वैसे उससे जुड़ी वस्तुओं में एक सूक्ष्म ऊर्जा छूट जाती है. गरुड़ पुराण में यह भी उल्लेख है कि, मृत्यु के बाद कुछ समय तक आत्मा का जुड़ाव अपने प्रियजनों के साथ ही प्रिय वस्तुओं और आभूषणों से भी रहता है. इसलिए मृतक के सोने के गहने तुरंत किसी को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए. मान्यता है कि, मृतक के आभूषणों को सीधे इस्तेमाल करने से व्यक्ति पर अनजाने में उस आत्मा की अधूरी इच्छाओं, दुख या मोह का प्रभाव पड़ सकता है.
फिर मृतक के आभूषणों का क्या करें
जूते-चप्पल, घड़ी, वस्त्र और बेडशीट आदि को तो लोग जल में प्रवाहित कर देते हैं या जला देते हैं, लेकिन जब बात सोने के आभूषणों की आती है तो इसका क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं. पुराणों के अनुसार, मृतक का मोह मरने के बाद भी अपने आभूषणों पर होता है, इसलिए इन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. खासकर मृतक के मृत्यु के 13 दिनों तक तो बिल्कुल भी नहीं. इसके बाद मृतक के सोने के गहनों को नया रूप देकर यानी जैसे कि कंगन का चेन या बाली आदि बनवाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
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