दिवाली पर सबसे बड़ा गिफ्ट? PM Modi के ऐलान से पहले ही ग्रहों ने लिख दी कहानी, 18 साल में पहली बार बन रहा है 'सुपर मनी योग'
15 अगस्त को PM Modi ने दिवाली पर तोहफे का संकेत दिया. 18 अक्टूबर 2025 को गुरु कर्क में उच्च के होंगे. दिवाली से पहले सरकार द्वारा दिए जाने वाले तोहफे की कहानी क्या ग्रहों ने पहले ही तैयार कर दी थी? जानें

15 अगस्त 2025 को लालकिले से प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने दिवाली पर जनता को बड़ा तोहफ़ा देने की बात कही, संकेत साफ था, 'टैक्स में राहत'. लेकिन असली ट्विस्ट यह है कि दिवाली (20 अक्टूबर) से सिर्फ 2 दिन पहले, बृहस्पति (गुरु) अपनी उच्च राशि कर्क (Kark Rashi) में प्रवेश करने वाला है, ऐसा संयोग जो पिछले 18 साल में नहीं हुआ. ये वही योग है जो बाजार में सुनामी, जेब में राहत और राजनीति में हलचल ला सकता है.
लालकिले से दिवाली तक,क्यों ये 66 दिन हैं खास?
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से बड़ा ऐलान किया. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने जो संकेत दिए है वो स्पष्ट कि दिवाली (Diwali) से पहले जनता को बड़ा गिफ्ट दे सकते हैं, उनका इशारा टैक्स (Tax) राहत से था, जो निश्चित रूप से बड़ी राहत देने वाला साबित हो सकता है.
ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो 18 अक्टूबर 2025 को गुरु का कर्क में गोचर होने जा रहा है, इसके ठीक दो दिन बाद 20 अक्टूबर को दिवाली है. ऐसे में ग्रहों की चाल ने पहले ही कोई कहानी लिख दी है? कर्क राशि बृहस्पति ग्रह की उच्च राशि है, जिसके ज्योतिष में गहरे मायने होते हैं.
तीनों घटनाएं एक स्ट्रेट लाइन में, नीति, ग्रह और त्योहार की ताकत मिलकर 'सुपर मनी योग' बना रही हैं. पहले भी ऐसे योग में टैक्स रेट घटे, बोनस स्कीमें आईं और दिवाली के बाद बाजार (Market) में तेज़ी आई. वर्ष 2006 और 2014 में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिले थे.
गुरु का कर्क में प्रवेश,धन वर्षा का संकेत!
ज्योतिष के प्रमाणिक ग्रंथ जातक पारिजात के अनुसार 'कर्के स्थितो बृहस्पति: सर्वसुखकरः', यानी उच्च गुरु जनता को सुख, समृद्धि और धनवृद्धि देता है.
आज के परिदृश्य से देखें तो गुरु वित्त, टैक्स, नीतियों और न्याय का कारक माना गया है. ऐसे में कर्क में गुरु का प्रवेश, लाभकारी नीतियों की संभावना बढ़ाता है.
लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं, शनि और राहु का 'सीक्रेट रोल'
शनि (Shani Dev) जो वर्तमान समय में गुरु की राशि मीन में वक्री होकर गोचर कर रहा है. गुरु को बाधित नहीं कर रहा, बल्कि योजनाओं के दीर्घकालिक असर को मजबूत करेगा. यानि जनता के हित को देखते हुए ये गोचर शुभ परिणाम देने वाला साबित हो सकता है.
लेकिन ध्यान रहे कि बृहस्पति ग्रह का संबंध प्रशासन से भी है, इसलिए यदि प्रशासनिक स्तर पर सरकार की मंशा अनुसार कार्य नहीं किया गया तो इसके शुभ परिणाम प्रभावित भी हो सकते हैं.
राहु कुंभ राशि में गोचर कर रहा है. जो जनता की राय, मीडिया नैरेटिव और सोशल मीडिया पर चर्चा को उकसाएगा, मतलब फैसले का प्रचार और प्रभाव ज़्यादा होगा.
राहु का असर: 'सरकार ने दिवाली मीठी बना दी' जैसा माहौल को बनेगा लेकिन बाजार में हल्का उतार-चढ़ाव भी देखने को मिलेगा.
पीएम मोदी के ऐलान का क्या होगा असर?
- आर्थिक असर: इस ऐलान से टैक्स (GST Reform) घटने से जनता को जेब पर पड़ने वाले बोझ से राहत मिल सकती है, वहीं इससे त्योहार की खरीदारी में उछाल आ सकता है.
- आने वाले दिनों में रिटेल, FMCG, रियल एस्टेट में मांग बढ़ेगी. वहीं शेयर बाजार में Pre-Festive Rally की संभावना बढ़ सकती है.
- राजनीतिक असर: मध्यम वर्ग और व्यापारिक तबके में मोदी सरकार के लिए समर्थन की लहर बन सकती है. जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं वहां इसका लाभ सत्ता पक्ष को मिल सकता है. विपक्ष के लिए दबाव बढ़ेगा.
ज्योतिष कहता है, ऐसा योग बार-बार नहीं आता
पिछली बार गुरु उच्च को जब हुए थे तो दिवाली के आसपास नीतियों का ऐलान होने से बाजार में 15 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई थी.
मेदिनी ज्योतिष सूत्र की मानें तो 'शनि दूरस्थो गुरवे फलवर्धकः' यानि शनि जब दूर हो, गुरु का फल और बढ़ता है. इस बार भी यही संकेत देखने को मिल रहे हैं. फर्क बस इतना कि अब सोशल मीडिया और ग्लोबल मार्केट का असर इसे और बड़ा बना देगा. यानि यहां राहु का तड़का लग रहा है.
इसलिए पीएम मोदी का 15 अगस्त का ऐलान और दिवाली से पहले गुरु का उच्च गोचर, ये सिर्फ कैलेंडर की तारीखें नहीं, बल्कि 'ग्रहों की लिखी स्क्रिप्ट' है. अगर सितारे सही चले तो इस साल दिवाली की मिठास सिर्फ घर तक नहीं, आपकी जेब और निवेश तक भी पहुंचेगी.
FAQ
Q1. क्या Jupiter exalted होने पर Tax Cut तय है?
A. नहीं, यह ज्योतिषीय अनुकूलता/संकेत है, नीतिगत फैसला सरकार का होता है.
Q2. राहु कुंभ में होने से क्या बदलता है?
A. डिजिटल चर्चा/जनमत का वेग बढ़ता है. बाजार में short-term volatility आ सकती है.
Q3. शनि वक्री क्यों धीमी सफलता दिखाता है?
A. योजनाओं को चरणबद्ध/रीव्यू मोड से लागू करवाता है, दीर्घकाल में स्थिरता बढ़ाता है.
Q4. क्या ये योग हर किसी के लिए समान लाभ देगा?
A. नहीं-व्यक्तिगत कुंडली/दशा पर निर्भर. लेख में समष्टि-स्तर (Mundane) संकेत हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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