देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन 'ॐ भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें, भगवान विष्णु को पीले फल का भोग लगाएं और बृहस्पतिवार को योग्य ब्राह्मण को दाल, हल्दी, पीले वस्त्र दान करें.
Guru Gochar 2025: आज मिथुन में गुरु का प्रवेश, इन राशियों पर होगा बड़ा असर! जानें उपाय और प्रभाव
Guru Gochar 2025: आज यानी 5 दिसंबर 2025 को गुरु मिथुन राशि में गोचर करेंगे, जहां वे 1 जून 2026 तक स्थित रहेंगे. जानिए गुरु की बदलती चाल का सभी राशियों और देश दुनिया पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

Guru Gochar in Mithun Rashi: देवगुरु बृहस्पति 05 दिसंबर को मिथुन राशि में गोचर करेंगे. बृहस्पति देव मिथुन राशि में 01 जून, 2026 तक रहेंगे. इसके अगले दिन यानी 02 जून को कर्क राशि में गोचर करेंगे. गुरु के राशि परिवर्तन करने से कई राशि के जातकों को लाभ मिलेगा.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, गुरु ग्रह इस समय वक्री है और वक्री रहते हुए 5 दिसंबर 2025 को शाम 5:22 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को धन, सुख-समृद्धि, विवाह, बुद्धि और विस्तार का कारक ग्रह माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य से जानिए गुरु गोचर का महत्व
05 दिसंबर 2025 को देवगुरु बृहस्पति बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करेंगे. बुध को तटस्थ और गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है. गुरु के मिथुन राशि में गोचर करने से इसका सभी 12 राशियों के जातकों पर प्रभाव पड़ता है. वर्तमान समय में गुरु अतिचारी गति में कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह की अतिचारी गति को शुभ नहीं माना गया है, लेकिन कभी- कभी अतिचारी गति कुछ राशि वालों के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है. इस बार गुरु की अतिचारी कुछ राशि के जातकों के लिए बहुत सारे शुभ समाचार लेकर आने वाली है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह ज्ञान, आध्यात्मिकता, धन और सौभाग्य का कारक माना जाता है. जब बृहस्पति वक्री होकर बुध की मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो इसका प्रभाव बुद्धि, निर्णय क्षमता और संवाद कौशल पर विशेष रूप से पड़ता है.
यह समय नई रणनीति बनाने, कौशल विकसित करने और पुराने प्रयासों को फिर गति देने का होता है. हालांकि वक्री अवस्था में ग्रह व्यक्ति को सोच-समझकर कदम उठाने की चेतावनी भी देते हैं. ऐसे में जल्दबाजी से बचकर आगे बढ़ना लाभकारी रहेगा. आपको बता दें कि गुरु साल 2025 में दो बार गोचर करेंगे, दरअसल देवगुरु बृहस्पति के अतिचारी होने के कारण साल में दो बार राशि बदलेंगे.
अतिचारी का मतलब गुरु अपनी सामान्य गति से तेज चलने के कारण दो बार राशि परिवर्तन करेंगे. गुरु 12 नवंबर को वक्री हो गएं.
असर
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है.
बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा. दुनियाभर के कई देशों में सत्ता पक्ष के खिलाफ जनाक्रोश तीव्र हो सकता है. लोगों का धैर्य टूटने लगेगा, और सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन, जन आंदोलन और राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है.
कुछ राष्ट्रों में यह आंदोलन इतने उग्र रूप ले सकते हैं कि वहां सत्ता परिवर्तन, तख्तापलट, या सेना द्वारा सत्ता ग्रहण जैसी स्थितियां बन सकती हैं. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. हवाई जहाज़, ट्रेनों, और जहाजों में तकनीकी खराबी या मानवीय भूलों के कारण गंभीर घटनाएं होंगी.
इसके अलावा, आगजनी, विस्फोट, गैस लीक, और फैक्ट्रियों में हादसे बढ़ सकते हैं. रक्षा उपकरणों और बिजली संयंत्रों में भी छोटी लापरवाहियां भारी तबाही का कारण बन सकती हैं.
उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें. साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें.
देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. जिन जातकों को रोग, शत्रु, आदि से परेशानी के साथ-साथ अपने कामकाज में अचानक से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो, वे नियमित रुप से राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें.
देवगुरु बृहस्पति का यह उपाय परम कल्याणकारी सिद्ध होगा. प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें. हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.
आईए भविष्यवक्ता और कुंडली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते है गुरु के मिथुन राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर कैसा असर दिखेगा
मेष राशि
गुरु इस राशि के तीसरे भाव में रहेगा, इसका सीधा असर भाई-बहनों और साहस पर होगा. आपके आत्मविश्वास और पराक्रम में वृद्धि होगी, लेकिन आपको अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना होगा. यात्राओं की अधिकता रहेगी.
वृषभ राशि
इस राशि के दूसरे भाव गुरु रहेगा, धन और वाणी पर सीधा असर डालेगा. ये स्थिति आपके लिए आर्थिक दृष्टि से शुभ रहेगी. धन संचय के प्रयास सफल होंगे और पारिवारिक मामलों में आपकी वाणी प्रभावशाली होगी. हालांकि, वक्री होने से कुछ गलतफहमियां भी हो सकती हैं.
मिथुन राशि
गुरु इसी राशि में रहेगा. ये ग्रह व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और निर्णय क्षमता को प्रभावित करेगा. इन लोगों के मान-सम्मान में वृद्धि होगी और ज्ञान में विस्तार होगा. विवाह और साझेदारी के मामलों में सफलता मिलेगी. वक्री स्थिति के कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है, खान-पान का ध्यान रखें.
कर्क राशि
गुरु इस राशि से निकलकर बारहवें भाव में यानी मिथुन में चला जाएगा. गुरु धन संबंधी मामलों पर असर डालेगा, खासकर व्ययों पर. ये समय विदेशी कामों पर खर्च करवा सकता है. आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है. अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखें.
सिंह राशि
गुरु आपके ग्यारहवें भाव में रहेगा. ये ग्रह आय और लाभ को प्रभावित करेगा. ये स्थिति आर्थिक लाभ दे सकती है. आपके सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी और भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा. प्रेम संबंध में मजबूती आएगी.
कन्या राशि
गुरु इस राशि के दसवें भाव में है. ये ग्रह कर्म और करियर पर सीधा असर डालेगा. ये समय आपके करियर और व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. कार्यस्थल पर प्रतिष्ठा बढ़ेगी और पदोन्नति की संभावना है. वक्री गुरु के कारण काम का दबाव भी हो सकता है.
तुला राशि
ये ग्रह तुला राशि के नवम भाव में रहेगा. गुरु भाग्य, धर्म और उच्च शिक्षा के क्षेत्र पर असर डालेगा. समय भाग्य का पूरा साथ दिलाएगा और धार्मिक यात्राएं हो सकती हैं. उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए सफलता का समय है.
वृश्चिक राशि
गुरु इस राशि के आठवें भाव में रहेगा. गुरु के कारण अचानक लाभ मिलने के योग बनेंगे. पैतृक संपत्ति से जुड़े मामले हल हो सकते हैं. आपकी रुचि गूढ़ विज्ञान, ज्योतिष या शोध में बढ़ेगी. सेहत का ध्यान रखें. वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी.
धनु राशि
इस राशि के लिए गुरु सातवें भाव में रहेगा. गुरु वैवाहिक जीवन और साझेदारी के कामों पर असर डालेगा. वैवाहिक जीवन और व्यावसायिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण समय है. अविवाहितों लोगों के विवाह के योग बनेंगे. पार्टनरशिप वाले व्यापार में वृद्धि होगी. वक्री होने के कारण जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा.
मकर राशि
गुरु इस राशि के छठे भाव में रहेगा. गुरु रोग, शत्रु और ऋण संबंधी कामों पर सीधा असर डालेगा. ये स्थिति शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक होगी. कार्यस्थल पर सुधार होगा. ऋण से मुक्ति मिल सकती है. स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा.
कुंभ राशि
गुरु इस राशि के पांचवें भाव में रहेगा और संतान, प्रेम और शिक्षा पर सीधा असर डालेगा. ये स्थिति संतान संबंधी कामों में लाभ देगी. विद्यार्थियों के लिए उत्तम समय है. प्रेम संबंध में मजबूती आएगी. रचनात्मकता और बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी. निवेश में सावधानी बरतनी होगी.
मीन राशि
गुरु इस राशि के चौथे भाव में रहेगा. गुरु माता, भवन और वाहन से संबंधित कामों सीधा असर डालेगा. ये स्थिति भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करेगी. नया घर या वाहन खरीदने का योग बन सकता है. माता का स्वास्थ्य बेहतर होगा और उनसे संबंध मजबूत होंगे.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
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